रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के श्रम विभाग ने छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 तैयार की है. श्रम विभाग ने इस संबंध में 18 मार्च को अधिसूचना जारी कर दी है. विभाग प्रवासी श्रमिकों का पंजीयन कर डाटा बेस तैयार करेगा. राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कौशल विकास प्राधिकरण, रोजगार नियोजन, उद्योग विभाग, स्वास्थ्य, वित्त एवं गृह विभागों के समन्वय से श्रम विभाग ने ये नीति तैयार की है.
छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020
छत्तीसगढ़ ने प्रदेश की पहली प्रवासी श्रमिक नीति जारी की है. इसके तहत सरकार ने प्रवास के दौरान श्रमिकों को मुसीबत से बचाने और उनकी आजीविका सुरक्षित रखने के लिए एक तंत्र बनाने की बात कही है. छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 की प्रस्तावना में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों और वनोपज से सम्पन्न कृषि प्रधान राज्य है. यहां के लोगों की आजीविका का आधार कृषि, वनोपज और मजदूरी है. छत्तीसगढ़ में कृषि का स्वरूप एकल फसल होने से लघु और सीमांत कृषक मजदूर अन्य राज्यों में प्रवास पर जाते हैं.छत्तीसगढ़ शासन ने स्थानीय युवाओं के कौशल को बढ़ाने, कृषि और वन उपज के क्षेत्र में रोजगार का बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रवास नीति की आवश्यकता
आज के समय में प्रवासी श्रमिकों के हित संरक्षण के लिए अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम, 1979 प्रभावशील है. जिसके तहत प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन का कोई प्रावधान नहीं होने से उनके आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. इस वजह से कोरोना वायरस संक्रमण काल में लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति में प्रवासी श्रमिकों को अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. ऐसी स्थिति में श्रमिकों की जानकारी नहीं होने से उन्हें सहायता उपलब्ध कराने में सरकार को कठिनाई का सामना करना पड़ा.
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प्रवासी श्रमिक नीति 2020 का उद्देश्य
- छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 का उद्देश्य कार्यस्थल पर भयमुक्त वातावरण तैयार करना है.
- समता और समानता के मूल्यों पर प्रवासी श्रमिकों का विकास और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है.
- प्रवासी श्रमिकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए वर्तमान संचालित व्यवस्थाओं में सरलता और सुगमता लाना है.
- श्रमिकों से संबंधित जानकारी और सूचनाओं का प्रबंधन सुनिश्चित करना.
- प्रवासी श्रमिकों की छत्तीसगढ़ के विकास में भागीदारी बढ़ाना और उनकी सुरक्षा की रणनीति बनाना है.
- छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 में प्रवासी श्रमिकों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य की प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट किया गया है.
- राज्यों के साथ समन्वय एवं सहयोग से श्रमिकों में परामर्श के माध्यम से समझ विकसित करना.
- कार्यस्थल में प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं एवं सुविधाओं का लाभ सुनिश्चित करना.
- कार्यस्थल पर महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्ग के श्रमिकों का हक संरक्षण.
- श्रमिक कल्याण के लिए बजट की व्यवस्था.
- आपातकाल परिस्थिति में प्रवासी श्रमिक की सहायता और सूचना प्रबंधन की व्यवस्था.
- प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना.
- प्रवासी श्रमिकों को प्रवासित राज्य के श्रमिक के बराबर हक और सुविधाएं सुनिश्चित करना राज्य की प्रतिबद्धता में शामिल है.
प्रवासी श्रमिकों, संभावित प्रवासी श्रमिकों का होगा डाटा
छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 का लक्ष्य समस्त प्रवासी श्रमिकों, संभावित प्रवासी श्रमिकों सर्वेक्षण एवं विश्वसनीय डेटाबेस तैयार करना. प्रवासी श्रमिकों को पहचान पत्र, श्रम पंजीयन, बैंक खाता, आधार कार्ड दस्तावेजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. प्रवासी श्रमिकों के गंतव्य कार्यस्थलों, क्षेत्रों की पहचान कर संबंधित राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से कार्यस्थलों पर श्रमिकों के हकों को सुरक्षित करना है. इस तरह सर्वेक्षित डेटा के आधार पर विश्लेषण कर प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए कार्ययोजना तैयार करना है.