रायपुर :हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी भवनों में छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर लगाने का आदेश जारी किया है. एक ओर सरकार राज की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर प्रमुखता से लगाने के निर्देश दे रही है. तो वहीं दूसरी ओर राज्य गठन से पहले घड़ी चौक में स्थापित की गई थी. लेकिन छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को वह सम्मान नहीं मिल पा रहा (Chhattisgarh Mahtari insulted in Raipur) है.
हर रविवार होती है पूजा :बदहाल स्थिति में पड़े छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को शहर के कुछ युवाओं ने संजोकर रखने का काम शुरू किया. मनोज कुमार साहू ने बताया ''1998 में घड़ी चौक के पास छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गई थी. यह मंदिर कब बना, कैसे बना इसकी जानकारी हमें नही है. लेकिन जिस बदहाल अवस्था में हमने इसे देखा था तो यह देखकर हमें बहुत पीड़ा हुई. हमने कोशिश की है कि यहां साफ-सफाई से इसे सुंदर बनाया जाए. यहां जितने भी लोग आए हुए हैं और मदद करते हैं वो यहां के रहने वाले नहीं हैं. सभी 10 -15 किलोमीटर दूर से आते हैं.''
कहां से मिली जानकारी :मनोज साहू ने कहा कि''हमें जानकारी मिली थी कि चार हाथ वाले छत्तीसगढ़ महतारी का मंदिर है.लेकिन इसकी स्थिति इतनी बदहाल थी. यहां बहुत गंदगी का अंबार लगा हुआ था. हमने यह सोचा कि हम हर रविवार यहां आए साफ सफाई करें. माता की आरती करते हैं. हर रविवार हम सभी युवा यहां आते हैं. और छत्तीसगढ़ महतारी की आरती करते हैं.
सरकार से लगाई युवाओं ने गुहार :कामेश्वर धनगर का कहना है" छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सभी कार्यालय में छत्तीसगढ़ महतारी की फोटो लगाना अनिवार्य कर दिया है, इस फैसले का हम सभी स्वागत करते हैं. आज छत्तीसगढ़ महतारी की मंदिर उचित है. लेकिन आसपास दरिद्रता है. आसपास काम्प्लेक्स मौजदू हैं.लेकिन वहां कचरा फेकने की भी व्यवस्था नहीं हैं. मंदिर के बगल में लोक शौच के लिए जाते है. हमारी मांग है कि '' नगर निगम प्रशासन, सरकार इस ओर ध्यान दे और सप्ताह में 4 से 5 बार यहां सफाई कराई जाए. जो गलत तरह से कचरा फेंक रहे हैं. मंदिर आसपास शौच किया जा रहा है उसे बंद करवाया जाए."
क्यों है प्रतिमा जरुरी : छत्तीसगढ़ महतारी के चार भुजाओं वाली यह प्रतिमा राज्य निर्माण आंदोलन की गवाह है. जिस उद्देश्य से इस प्रतिमा को लगाया गया था. आज वह उद्देश्य पूर्ण होकर छत्तीसगढ़ राज्य को बने 22 साल हो गए है. एक ओर सरकार छत्तीसगढ़ महतारी के फोटो सरकारी दफ्तरों में लगाना अनिवार्य कर दी है. लेकिन आज इस ऐतिहासिक मंदिर को संजोने की दरकार है ताकि आने वाली पीढ़ी अपने इतिहास को याद रखे.