रायपुर: CGPSC 2020 के रिजल्ट में दो दोस्तों ने भी बाजी मारी है. खास बात ये हैं कि दोनों ही दोस्त टॉप 10 में आए हैं. आशुतोष देवांगन ने छत्तीसगढ़ में पांचवा स्थान हासिल किया है. पीयूष तिवारी को 8वीं रैंक मिली है. ETV भारत ने दोनों दोस्तों से खास बातचीत की. आशुतोष ने बताया कि टॉप करके बहुत अच्छा लग रहा है. काफी खुशी हो रही है. डिप्टी कलेक्टर का पद अपने आप में बड़ा अचीवमेंट है. पीयूष तिवारी ने कहा कि आज सपना पूरा हुआ है.
आशुतोष में बताया कि 'उन्होंने स्कूली शिक्षा भिलाई में अपने नाना जी के घर रहकर पूरी की. 2017 में NIT से बीटेक माइनिंग से पास हुआ. उसी समय कैंपस प्लेसमेंट में प्राइवेट नौकरी मिल गई. 2 साल जॉब करने के बाद CGPSC की तैयारी शुरू की.आशुतोष ने बताया कि CGPSC का दूसरा प्रयास था. पहले प्रयास में प्रीलिम्स की परीक्षा क्लियर नहीं हो पाई थी. लेकिन दूसरे प्रयास में पांचवा रैंक हासिल हुआ है. आशुतोष ने बताया कि परिवार का सपोर्ट मिलता रहा है. घर में पढ़ाई के लिए मोटिवेशन मिलता रहा. उनकी बहन भी गवर्नमेंट जॉब में है. परिवार के स्पोर्ट के कारण ही उन्होंने सफलता हासिल की है.
CGPSC 2020 की परीक्षा में आठवां रैक हासिल करने वाले पीयूष तिवारी ने बताया कि 'बहुत खुशी हो रही है. मेरा सपना आज पूरा हुआ. पिछले बार मुझे DSP का पद मिला था और अभी डिप्टी कलेक्टर का पद मिला है'. उन्होंने बताया कि ये परीक्षा का चौथा प्रयास था, 2 बार जॉब करते समय परीक्षा दिलाई थी. दोनों ही बार प्रिलिम्स क्लियर नहीं हुआ था. तीसरे प्रयास में DSP का पद मिला. लेकिन डिप्टी कलेक्टर का पद चाहिए था. यह चौथे प्रयास में हासिल हुआ. पीयूष ने बताया कि वे ग्राम बाघामुड़ा, पंडरिया तहसील के रहने वाले हैं.
पीयूष ने बताया कि आशुतोष और वे दोस्त है, दोनों ने NIT से एक साथ बीटेक किया. एक ही कंपनी में दोनों का प्लेसमेंट हुआ. जहां 2019 तक दोनों ने साथ मिलकर काम किया. एक साथ दोनों ने नौकरी छोड़ी और PSC की तैयारी शुरू की. इंटरव्यू के लिए भी सभी ग्रुप स्टडी करते थे. साथ में परीक्षा दिलाई और आज दोनों ने टॉप 10 में जगह बनाई है. हम खुश है कि दोनों को डिप्टी कलेक्टर का पद मिला है, अब हम दोनों साथ में ट्रेनिग करेंगे.
परीक्षा की तैयारी को लेकर आशुतोष ने बताया कि इस परीक्षा के लिए पेशेंस होना बहुत जरूरी है. इसके साथ आपको लागतार अपनी स्टडी करना है. देर ही सही लेकिन एक दिन सफलता जरूर मिलेगी. पीयूष तिवारी ने बताया कि कभी-कभी एक ऐसा समय आता है. हम डिमोटिवेट फील करते है लेकिन उस दौरान वे अपने दोस्तों और फैमिली ने बात करके अपना मूड़ ठीक करते थे. इस बीच भी पढ़ाई नहीं छोड़ी. कम से कम 1 घंटे पढ़ाई जरूर करते थे.
डिप्रेशन में किरण पोर्टल ने की मदद
आशुतोष देवांगन ने बताया कि 'कोरोना के सेकंड वेव के दौरान वे डिप्रेशन में चले गए थे. पढ़ाई नही हो रही थी. जॉब नहीं थी. उस दौरान परेशानी होती थी. उसी दौरान दोस्तों ने सरकार द्वारा संचालित किरण पोर्टल है जो काउंसलिंग करता है. वहां के लोगों से बात करके मुझे अच्छा लगा और वापस ट्रैक पर आकर अपनी पढ़ाई शुरू की'.
टॉप 10 में 5 लोग नालंदा परिसर से
पीयूष तिवारी ने बताया कि नालांदा परिसर में पढ़ाई का अच्छा माहौल होता है. इस परीक्षा में टॉप 10 में से 5 टॉपर नालंदा परिसर से है, सभी का सपोर्ट मिलता है. यहां से पढ़ने वाले कई IAS ऑफिसर है. डिप्टी कलेक्टर बने है लेकिन आज भी किसी से बात करते है तो वे स्टूडेंट्स की तरह ही बात करते हैं और स्पोर्ट करते हैं. इसके अलावा ग्रुप डिस्कशन के लिए अच्छा माहौल रहता है.