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Manoj Mandavi Passes Away छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का निधन - छत्तीसगढ़ के बड़े आदिवासी नेता का निधन

Manoj Mandavi passes away छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का निधन हो गया. धमतरी में सुबह उन्हें हार्ट अटैक आया. जिसके बाद अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. Manoj Mandavi dies of heart attack

Manoj Mandavi passes away
छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का निधन

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Published : Oct 16, 2022, 8:52 AM IST

Updated : Oct 16, 2022, 5:03 PM IST

धमतरी/रायपुर/कांकेर:छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. रात मंडावी रेस्टहाउस में रुके थे. सुबह अटैक आने पर उन्हें धमतरी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. विधायक मनोज सिंह मंडावी का पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम कांकेर स्थित नाथियानवागांव सुबह 9 बजे लाया गया. जहां दोपहर 3 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके अंतिम संस्कार में सीएम भूपेश बघेल, सभी मंत्री व विधायक शामिल होंगे. CG Vidhan Sabha Deputy Speaker Manoj Mandavi dies

मनोज मंडावी के निधन पर छत्तीसगढ़ में शोक

सीएम भूपेश बघेल ने जताया दुख:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मनोज सिंह मंडावी के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया. सीएम ने अपने शोक संदेश में कहा है कि "मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे. उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और प्रदेश की सेवा की. वे वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के और साल 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. मंडावी छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे.

सीएम ने कहा "मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे. वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे. मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे. प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा. उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है."Big tribal leader dies in Chhattisgarh

कौन हैं मनोज मंडावी (cg vidhan sabha deputy speaker)

मनोज मंडावी छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष थे.

मंडावी तीसरी बार भानुप्रतापपुर से विधायक चुने गए.

मंडावी विभाजन के समय भी विधायक थे और विभाजन के बाद अजीत जोगी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे.

छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय मनोज मंडावी कद्दावर आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते हैं.

2003 में उन्हें भाजपा के देवलाल दुग्गा ने चुनाव में हराया था.

2008 में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया था, जिसके बाद मनोज मंडावी निर्दलीय मैदान में उतरे थे.

2013 में कांग्रेस ने फिर से मनोज मंडावी को टिकट दिया और मनोज मंडावी ने भानूप्रतापपुर से जीत दर्ज की थी.

2018 में मंडावी ने फिर से इसी सीट पर जीत दर्ज की.

मंडावी भूपेश बघेल कैबिनेट में मंत्री पद के भी बड़े दावेदार थे, लेकिन नए समीकरणों के तहत वे मंत्री बनने से वंचित रह गए थे.

मनोज मंडावी कांग्रेस के एसटी सेल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

Last Updated : Oct 16, 2022, 5:03 PM IST

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