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डेढ़ दशक बाद गलगम से बीजापुर के लिए बस सेवा शुरू - बीजापुर जिले में बस सेवा

Bus service in Naxal areas of Bijapur: लगभग 15 साल बाद बीजापुर के नक्सल प्रभावित इलाकों में बस सेवा शुरू होने से इलाके के ग्रामीण काफी खुश हैं.

Bus service in Naxal areas of Bijapur
डेढ़ दशक बाद गलगम से बीजापुर के लिए बस सेवा शुरू

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Published : Feb 24, 2022, 10:35 AM IST

बीजापुर: जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके में करीब 15 सालों के बाद बस सेवा शुरू हुई है. लंबे समय बाद इलाके में बस सेवा शुरू होने के मौके पर डीआईजी, सीआरपीएफ कोमलसिंह, कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा, पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप, सीईओ जिला पंचायत रवि साहू, सीआरपीएफ के अन्य अधिकारी, सरपंच शामिल हुए. पूजा अर्चना कर बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. नक्सल इलाके में विकास को बढ़ावा मिलने पर क्षेत्रवासी काफी उत्साहित नजर आए.

गलगम से बीजापुर के लिए बस सेवा शुरू (Bus service started from Galgam to Bijapur )

गलगम से बीजापुर बस सेवा शुरू होने से उसूर और आपापल्ली इलाके में खुशी है. इस इलाके के ग्रामीण माड़वी लच्छा, हिड़मा कट्टम, नरसा कट्टम, मड़काम आयतू ने बताया कि 'अब गांव से सीधे बीजापुर तक बस सेवा शुरू होने से उनकी बहुत बड़ी परेशानी खत्म हो गई है. बस चलने से क्षेत्र की बड़ी आबादी को आवागमन की सुविधा मिलेगी'. ग्रामीणों का कहना है कि सालभर के अंदर उनके गांव में सड़क बनने सहित, गांव में पेयजल के लिए 2 सोलर डयूल पंप स्थापना, उचित मूल्य दुकान, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन बनने से गांव में बिजली भी पहुंची है. जिससे गांव के लोगों को काफी राहत मिली है.

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2005 में सलवा जुडूम शुरू होते ही गलगम मार्ग में चलने वाली यात्री बस बंद हो गई थी. उस दौरान इस मार्ग में पुजारी कांकेर होते हुए कोत्तापल्ली के बाद तेलंगाना के चेरला तक यात्री बस चला करती थी. बीजापुर से आवापल्ली उसूल और पुजारीकांकेर मार्ग से ही तेलंगाना के चेरला और भद्राचल तक बस चलती थी. इस दौरान हैदराबाद के लिए इसी रूट से ग्रामीणों की आवाजाही होती थी. अब एक बार फिर गलगम तक बस शुरू होने से इलाके के ग्रामीणों को तेलंगाना तक बस सेवा शुरू होने की उम्मीदें भी बढ़ गई है.

बीजापुर जिले के कई ग्रामीण मजदूरी करने, मिर्ची तोड़ने, ईंटभट्टी में काम करने के लिए तेलंगाना जाते हैं. इस दौरान वे छोटे सार्वजनिक वाहनों का सहारा लेते हैं. जिसमें आए दिन वे हादसे का शिकार होते रहते हैं.

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