हैदराबाद\रायपुर:सोमवार 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा है. भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख महीने की पूर्णिमा को हुआ था. इस वजह से ये दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. बौद्ध अनुयायियों के लिए बुद्ध पूर्णिमा का खास महत्व है. गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम था. बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है. वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध की पूजा के साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है.
भगवान बुद्ध के साथ विष्णु की पूजा का भी विधान:बुद्ध पूर्णिमा के दिन बहुत से लोग व्रत रखते हैं. इस दिन किसी पवित्र कुंड या नदी में स्नान का भी खास महत्व है. स्नान के बाद पूजा अर्चना कर दान जरूर करें. कहा जाता है कि इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाने काफी शुभ होता है. भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है.
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बुद्ध पूर्णिमा का महत्व:भगवान बुद्ध को पूरी दुनिया में सत्य की खोज के लिए जाना जाता है. वे सत्य की खोज के लिए सालों भटकते रहे और बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे कठोर तपस्या कर सत्य का ज्ञान प्राप्त किया. उसी ज्ञान से उन्होंने पूरी दुनिया को एक नई रोशनी दी.
प्रज्ञागिरी पहाड़ पर 30 फीट ऊंची भगवान बुद्धा की प्रतिमा: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित प्रज्ञागिरी पहाड़ में भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा स्थापित है. प्रज्ञागिरी पर स्थित 500 फीट ऊंची काली चट्टानों के बीच बौद्ध की मूर्ति स्थापित की गई है. यह प्रतिमा 22 फीट ऊंचे चबूतरे पर बनी है. 30 फीट ऊंची विशालकाय बुद्ध की प्रतिमा ध्यान मुद्रा में स्थापित की गई है. इतनी ऊंची पहाड़ी पर स्थित प्रतिमा संपूर्ण भारत में अपनी एक अलग पहचान रखती है. इसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. हर साल यहां 6 फरवरी को विशाल अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन किया जाता है.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई दी. उनके सिद्धांतों को याद कर पूरी तरह से उन्हें अपने जीवन में उतारने की प्रतिबद्धता दोहराने का संकल्प लेने को कहा.