रायपुर:स्कूल शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.अब छत्तीसगढ़ के स्कूलों में बोर्ड पैटर्न पर तिमाही परीक्षाएं (board pattern exam in Chhattisgarh ) होंगी.कोरोना के बाद फिर से उसी पैटर्न पर परीक्षाएं होंगी जो कोरोना से पहले हुआ करती थी. खास बात यह है कि तिमाही की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न में होगी. ये नवमीं से 12वीं तक की क्लासेस में लागू (exam from ninth to twelfth in Chhattisgarh ) होगा. हालांकि कोरोना से पहले भी तिमाही परीक्षा होती थी. लेकिन इस बार की तिमाही परीक्षा में प्रश्न पत्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (CG Board of Secondary Education make paper) की ओर से भेजे जाएंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है जब माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से तिमाही परीक्षा में प्रश्न पत्र भेजे जाएंगे.
क्यों किया गया फैसला :शिक्षाविदों की माने तो 10वीं 12वीं की पढ़ाई करने वाले छात्र वार्षिक परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्र में प्रश्न पत्र को देखकर घबरा जाते हैं. कुछ लोग उत्तर पुस्तिका में भी गलत जानकारियां अंकित कर देते हैं. जिसकी वजह से उनको खासा नुकसान उठाना पड़ता है. इन सारी चीजों को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. ताकि छात्रों को मेन परीक्षा के दौरान जो भय का वातावरण बना रहता है उसे दूर किया जा सके.
परिजनों की क्या है राय :स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए इस निर्णय को लेकर परिजनों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है. उनका कहना है कि ''तिमाही और छमाही परीक्षाएं अगर बोर्ड पैटर्न में होगी तो बच्चों को बोर्ड परीक्षा में ज्यादा परेशानी नहीं होगी. क्योंकि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से प्रश्न पत्र भेजे जा रहे हैं. तो बच्चों को बोर्ड परीक्षा में किस तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं उनकी जानकारी मिलेगी.''
सिलेबस समय पर होगा पूरा :परिजन राजेंद्र साहू ने बताया कि ''कई बार देखा गया है कि स्कूलों में समय पर सिलेबस पूरे नहीं हो पाते. अगर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से तिमाही और छमाही परीक्षा को लेकर प्रश्न पत्र भेजे जाएंगे. तो स्कूल में भी समय पर सिलेबस पूरा होगा. पूरे प्रदेश के बच्चे एक जैसे प्रश्न पत्र को हल करेंगे. इससे बच्चों को भी आसानी होगी और समय पर भी उनकी पढ़ाई पूरी हो पाएगी.
बच्चों में होगा तनाव कम :राखी वर्मा ने बताया परीक्षा के दौरान बच्चों का तनाव बेहद रहता है. उन्हें बोर्ड परीक्षा में किस तरह के सवाल पूछे जाने हैं उनका डर लगा रहता है. शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक कि सभी परीक्षाओं को बोर्ड पैटर्न में करने के इस फैसले से बच्चों में तनाव की स्थिति कम होगी. और बच्चों के अच्छे नंबर आएंगे