रायपुर:हसदेव अरण्य को बचाने के लिए सरगुजा और कोरबा के ग्रामीण लगातार जद्दोजहद कर रहे हैं. इसके लिए वे लगातार पद यात्रा भी कर रहे हैं. कभी मुख्यमंत्री (Chief Minister) को कभी राज्यपाल (Governor) से भी इस दिशा में पहल करने की मांग कर चुके हैं. आदिवासी ग्रामीण 300 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बुधवार को मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलने रायपुर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री इनसे मिल तो नहीं पाए, लेकिन राज्यपाल से ग्रामीण आज मिल रहे हैं. इधर, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव बुधवार देर शाम हसदेव अरण्य के लोगों से मिलने पहुंचे थे. जहां उनके एक बयान को भाजपा ने भी हाथों- हाथ ले लिया है. आदिवासियों के हित को लेकर पार्टी ने मुख्यमंत्री पर निशाना (target on chief minister) साधा है. भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार उद्योगपतियों के हाथों बिक गई है.
भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने बताया कि किसान का बेटा और किसान की सरकार कहने वालों के चेहरों से कहीं ना कहीं प्रदेश के आदिवासियों ने नकाब हटा दिया है. आज प्रदेश का आदिवासी आंदोलन करने के लिए मजबूर है. अपनी जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए कई सौ किलोमीटर की पैदल यात्रा (walking tour) कर रहता है लेकिन मुख्यमंत्री उनसे मिलने का समय नहीं देते. प्रदेश में आदिवासी नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. सभी विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. निमंत्रण पत्र पूरे देश में बांटे जा रहे हैं और प्रदेश के आदिवासी आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. प्रदेश का जल, जंगल, जमीन को उद्योगपतियों के हाथों में बेच दिया गया है. खुलेआम उसके नाम से दलाली की जा रही है. यह सारे मामलों से कहीं ना कहीं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने पर्दा उठा दिया है.