रायपुरःकवर्धा विवाद (Kawardha Controversy) में गिरफ्तार किए गए भाजपा कार्यकर्ताओं (BJP workers) को छोड़ने और न्यायिक जांच की मांग को लेकर भाजपा नेता आज राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Former Chief Minister Dr. Raman Singh), अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, शिवरतन शर्मा, अभिषेक सिंह, संतोष पांडे और विजय शर्मा शामिल थे. इन नेताओं ने बघेल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. नेताओं ने कहा कि सरकार की वजह से आज कवर्धा दहक रहा है. बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मामले में न्यायिक जांच कराने की मांग की है.
न्यायिक जांच की मांग को लेकर राजभवन पहुंचे भाजपा नेता, कहा-सरकार की शह पर पुलिस कर रही अन्याय - BJP leader
कवर्धा में दो पक्षों का विवाद अब काफी आगे बढ़ चुका है. मामले में बीजेपी के कई नेताओं के खिलाफ जहां केस दर्ज किया गया है वहीं न्यायिक जांच की मांग को लेकर पार्टी के कई शीर्ष नेता शुक्रवार को राजभवन पहुंच गए हैं. विवाद में गिरफ्तार किए गए भाजपा कार्यकर्ताओ को छोड़ने की मांग को लेकर वह राजभवन पहुंचे हैं और न्यायिक जांच की राज्यपाल से मांग कर रहे हैं. इस काफिले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल, सुनील सोनी, शिवरतन शर्मा, अभिषेक सिंह, संतोष पांडेय आदि शामिल हैं.
भाजपा सांसद संतोष पांडे ने बताया कि 3 तारीख को जिस प्रकार से कवर्धा में भगवा ध्वज को गिरा कर के जमीन में पटक कर के पैरों से रौंदा गया, लाठी चलाई गई, अपमान किया गया, लगातार हिंदुओं का अपमान कवर्धा जिले में हो रहा है. जिस प्रकार से राजनीतिक दल के लोग बयानबाजी करते हैं, उस प्रकार से पुलिस वहां पर बयानबाजी कर रही है, भेदभाव कर रही है, पक्षपात कर रही है. थाने के आगे सब प्रकार से नारेबाजी की जाती है. पथराव किया जाता है. उनको पुलिस नहीं भगाती और जो बिल्कुल शांत खड़े हैं, उनको पुलिस भगाती है. घटनास्थल पर ही थाना के टीआई, तहसीलदार, कॉन्स्टेबल उपस्थित थे .परंतु किसी भी प्रकार की डांट फटकार नहीं की गई. चुन-चुन कर लाठियां बरसाई गई. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के उपर लाठी बरसाने वालों के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई.
भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 3 तारीख को सुबह 11:00 बजे की घटना है. एक लड़के को बहुत सारे दूसरे समुदाय के लड़के मिलकर के मारते हैं और रात में 10:00 बजे तक एफआईआर नहीं हो पाता है. कवर्धा में यह एकमात्र घटना नहीं है. ऐसी बहुत सारी घटनाएं हुई है और पुलिस दूसरे समुदाय के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं करती. कुछ दिनों पहले भी ऐसा हुआ था कि कवर्धा के विधायक मोहम्मद अकबर वहां गए थे और उनकी उपस्थिति में दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति ने थप्पड़ से मारा था.
हिंसा नहीं करते हैं भाजपाई
सारी गैर जमानती धाराएं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के नेताओं पर पुलिस द्वारा लगाई गई है. कोई प्रमाण नहीं है. भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हरगिज नहीं हो सकता. संवैधानिक और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात को लेकर के गए थे. हमारा सिर्फ 1 दिन का बंद का आवाहन था. 3 घंटे के चक्का जाम का आह्वान था. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है. जहां पर तलवार लहराते हुए कुछ लोग नजर आ रहे हैं. पुलिस के संरक्षण में वह लोग चल रहे हैं.