रायपुर:बीजेपी बस्तर में अपनी वापसी की राह तलाश रही है. प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस 2018 की स्थिति को बरकरार रखने की कोशिश में जुटी है. बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी बस्तर क्षेत्र का कई बार दौरा कर चुकी हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों इस क्षेत्र में भेंट मुलाकात अभियान के जरिए लोगों से रूबरू हो रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात अभियान के दूसरे चरण की शुरूआत 18 मई से की. 2 जून तक चलने वाले इस अभियान के पहले दिन मुख्यमंत्री बस्तर क्षेत्र के कोंटा विधानसभा पहुंचे. इससे पहले बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी भी बस्तर क्षेत्र में पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल हो चुकी हैं.
क्यों अहम है बस्तर?: राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार कृष्णा दास बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं की बस्तर संभाग में बढ़ी सक्रियता को चुनावी लिहाज से काफी अहम मानते हैं. कृष्णा दास का कहना है कि " प्रदेश में सक्रीय सभी राजनीतिक दलों के लिए बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटें महत्वपूर्ण है. माना जाता है कि आदिवासी मतदाता एकजुट होकर वोट करते हैं, जिसका असर पूरे राज्य के चुनाव परिणाम में दिखाई देता है. संख्या के लिहाज से भी यह सच है कि राज्य में आदिवासी मतदाताओं का साथ जिस पार्टी को मिलता है, उसी पार्टी की प्रदेश में सरकार बनने की संभावना ज्यादा रहती है. इसी वजह से भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए बस्तर बेहद अहम है. आदिवासी मतदाताओं को साधने के लिए ही कांग्रेस और बीजेपी इस इलाके में आगामी विधानसभा चुनाव के एक साल पहले से ही पूरा जोर लगा रही हैं.''
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क्यों माना जाता है बस्तर को सत्ता की चाबी:छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा के कई चुनावों में देखा गया है, कि अमूमन जिस पार्टी ने बस्तर संभाग में जीत हासिल की, राज्य में वही पार्टी सत्ता पर काबिज हुई है. छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पहले अविभाजित मध्य प्रदेश में यहां कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत हासिल की थी. प्रदेश में पहली सरकार कांग्रेस की बनी. उसके बाद 2003 के चुनावों में यहां से भाजपा ने 8 सीटें हासिल कर प्रदेश में सरकार बनाई. 2008 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां 11 सीटें मिलीं और उसकी सत्ता बरकरार रही. हालांकि यह मिथक 2013 में टूटा, जब 12 में से बस्तर की आठ सीटें जीतकर भी, कांग्रेस प्रदेश की सत्ता हासिल नहीं कर पाई. लेकिन 2018 के चुनावों में यहां भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया और बस्तर संभाग की 11 सीटों को जीतकर प्रदेश की सत्ता पर कांग्रेस काबिज होने में सफल रही.
वर्तमान में सभी 12 सीटों पर है कांग्रेस का कब्जा : छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल कर प्रदेश में अपनी सरकार बना ली. इस चुनाव में कांग्रेस को बस्तर संभाग की 12 में से 11 सीटों पर जीत मिली. बीजेपी के एकमात्र प्रत्याशी भीमा मंडावी ने दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की हत्या कर दी . इसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस की देवती कर्मा ने भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी को हराकर दंतेवाड़ा विधानसभा की इस सीट को भी, कांग्रेस की झोली में डाल दिया.
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बस्तर संभाग की सीटें: जगदलपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा, बस्तर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर शामिल हैं. इनमें से केवल जगदलपुर ही सामान्य सीट है. क्षेत्र की 11 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं.
बस्तर की जनसंख्या:साल 2011 की जनगणना के मुताबिक बस्तर की जनसंख्या 8 लाख 34 हजार 375 है. जिसमें 4 लाख 13 हजार 706 पुरुष और 4 लाख 20 हजार 669 महिलाएं हैं. बस्तर की कुल जनसंख्या में 70 प्रतिशत आबादी जनजाति समुदाय की है. जनजाति समुदाय में गोंड, मारिया, मुरिया, भतरा, हल्बा, धुरुवा जैसी जातियां शामिल हैं.
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महिला वोटर्स क्यों हैं अहम:छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग की ज्यादातर विधानसभा की सीटों पर पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. चुनाव में भागीदारी के लिहाज से भी बस्तर की महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले सक्रिय माना जाता है. यही वजह है कि इस इलाके में, राजनीतिक पार्टियां महिला मतदाताओं को नजरअंदाज नहीं कर सकतीं.
विधानसभावार पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या :
1. चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में 78289 महिला मतदाता और 72651 पुरुष मतदाता हैं.
2. नारायणपुर बस्तर विधानसभा क्षेत्र में 26845 महिला मतदाता और 26938 पुरुष मतदाता हैं.
3. केशकाल विधानसभा क्षेत्र में 85381 महिला मतदाता और 84401 पुरुष मतदाता हैं.
4. कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र में 74279 महिला मतदाता और 73354 पुरुष मतदाता हैं.
5. जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में 88617 महिला मतदाता और 86324 पुरुष मतदाता हैं
6. नारायणपुर क्षेत्र में 38358 महिला मतदाता और 36515 पुरुष मतदाता हैं.
7. अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र में 71361 महिला मतदाता और 75156 पुरुष मतदाता हैं.
8. विधानसभा क्षेत्र, भानुप्रतापपुर में 90189 महिला मतदाता और 87562 पुरुष मतदाता हैं.
9. कांकेर विधानसभा क्षेत्र में 81127 महिला मतदाता और 78505 पुरुष मतदाता हैं.
10. विधानसभा क्षेत्र दंतेवाड़ा में 88727 महिला मतदाता और 83478 पुरुष मतदाता हैं.
11. बीजापुर विधानसभा क्षेत्र में 78982 महिला मतदाता और 75529 पुरुष मतदाता हैं.