रायपुर: खैरागढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. विपक्ष के तौर पर भी मजबूत भूमिका न निभाने के आरोप लगते रहे हैं. प्रदेश के भाजपा नेताओं को दिल्ली में पहले जैसी तवज्जो भी नहीं मिल(BJP leaders brainstorming in Delhi) रही है. यहां तक कि भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी भी अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान इन नेताओं से दूरी बना कर रखी थी. छत्तीसगढ़ भाजपा नेताओं से पार्टी के वरिष्ठ नेता संतुष्ट नहीं है, यह सभी आरोप लगातार कांग्रेस बीजेपी पर लगाती रही है. इसके अलावा आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जल्द छत्तीसगढ़ बीजेपी में बड़े पैमाने पर फेरबदल की संभावना भी जताई जा रही है.
चुनाव में बीजेपी की हार, दिल्ली में है चिंता का विषय :सीएम भूपेश बघेल ने कई मौकों पर ये कहा है कि "बीजेपी के छत्तीसगढ़ के नेताओं पर अब केंद्रीय नेतृत्व को भरोसा नहीं रहा.केंद्रीय नेतृत्व अब प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व को पीछे धकेल रहा है. क्योंकि निकाय चुनाव से लेकर उपचुनावों में बीजेपी ने मात खाई है. जो बीजेपी के लिए चिंता का विषय है. यही वजह है कि सभी को दिल्ली बुलाया गया है". वहीं कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि "छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी गुटबाजी में बटी हुई है उनमें आपस में सामंजस्य नहीं है. जब भी डी पुरंदेश्वरी (BJP in charge D Purandeshwari )छत्तीसगढ़ आती है किसी भी स्थानीय स्तर के नेताओं डॉ रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष को अपने दौरे में ले जाने से परहेज करती है".
कांग्रेस नेता बीजेपी की ना करें चिंता : कांग्रेस के इस बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास कहना है कि " जिस पार्टी के मुख्यमंत्री को अपने विधायकों के परफारमेंस में तो भरोसा नहीं हो, जिस पार्टी के मंत्री अलग से समीक्षा बैठक करने के लिए 4 तारीख से हेलीकॉप्टर में यात्रा निकाल रहे हो ऐसे लोगों को भारतीय जनता पार्टी के संगठन की चिंता छोड़ देनी चाहिए . वास्तव में पिछले साढे़ 3 साल में कांग्रेस पार्टी की सरकार यहां पर अलोकप्रिय हो चुकी है, अप्रासंगिक होती जा रही है. इस बात की चिंता कांग्रेस पार्टी को करनी चाहिए".