मुंबई\रायपुर: भीमा कोरेगांव मामले की आरोपी अधिवक्ता-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज भायखला जेल से रिहा हो गई हैं. 2018 भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद जाति हिंसा मामले में जेल में बंद सुधा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर को डिफॉल्ट जमानत दे दी थी. हाईकोर्ट के इस फैसले को NIA ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी NIA की याचिका को खारिज कर दिया था. NIA की विशेष अदालत ने जेल में बंद वकील-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी. सुधा भारद्वाज पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) की छत्तीसगढ़ इकाई की महासचिव हैं. साथ ही वीमन अगेंस्ट सेक्सुअल वॉयलेंस एंड स्टेट रिप्रेशन (WSS) की सदस्य भी हैं.
Bhima Koregaon case: भीमा कोरेगांव मामले की आरोपी अधिवक्ता-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज भायखला जेल से रिहा
भीमा कोरेगांव मामले की आरोपी अधिवक्ता-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज भायखला जेल से रिहा हो गई हैं.
सुधा भारद्वाज भायखला जेल से रिहा
क्या है मामला?
जनवरी 2018 को पुणे के पास भीमा-कोरेगांव ((Bhima Koregaon case)) लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर एक समारोह आयोजित किया गया था, जहां हिंसा होने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इस मामले में सुधा भारद्वाज को अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया गया था. सुधा भारद्वाज (Sudha Bharadwaj) पर प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) का सदस्य होने का आरोप है.
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