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चिटफंड निवेशकों के आवेदन तहसीलों में डंप, कब होगी रकम वापसी?

छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) ने चिटफंड कंपनियों (chit fund companies) में डूबे धन वापसी के लिए निवेशकों से आवेदन मंगवाए थे. जिसके बाद 1 से 20 अगस्त तक 25 लाख से अधिक निवेशकों (investors) ने आवेदन जमा किए. आवेदनों को जमा हुए एक माह से अधिक का समय बीत गया है. अब तक यह आवेदन तहसील कार्यालयों (Tehsil Offices) के उन्हीं कमरों में धूल फांक रहे हैं, जहां उन्हें निवेशकों ने जमा किया था.

applications of chit fund investors dumped in tehsils
चिटफंड निवेशकों के आवेदन तहसीलों में डंप

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Published : Sep 28, 2021, 6:23 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 6:30 PM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) ने चिटफंड कंपनियों (chit fund companies) में डूबे धन वापसी के लिए निवेशकों से आवेदन मंगवाए थे. जिसके बाद 1 से 20 अगस्त तक 25 लाख से अधिक निवेशकों (investors) ने आवेदन जमा किए. आवेदनों को जमा हुए एक माह से अधिक का समय बीत गया है. अब तक यह आवेदन तहसील कार्यालयों (Tehsil Offices) के उन्हीं कमरों में धूल फांक रहे हैं, जहां उन्हें निवेशकों ने जमा किया था. वहीं, 1 माह बीतने के बाद हर रोज आवेदक कार्यालय आ कर धन वापसी (Refunds) प्रक्रिया के बारे में जानकारी ले रहे हैं. जिन्हें कार्यालय में बैठे बाबू कोई आदेश नहीं आने की बात कह कर वापस भेज रहे हैं.

चिटफंड निवेशकों के आवेदन तहसीलों में डंप

चिटफंड कंपनियों (chit fund companies) में डूबे धन की वापसी के ऐलान के बाद बड़ी संख्या में प्रदेश भर के तहसीलों में चिटफंड निवेशकों (chit fund investors) ने आवेदन जमा किया. चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक तहसीलों से जिला मुख्यालय तक आवेदन नहीं पहुंच पाए हैं. ऐसे ही 2 साल पहले भी करीब पांच लाख आवेदन जमा हुए थे. उन्हें भी अब तक धन वापसी नहीं की जा सकी है. रायपुर की बात करें तो सभी ब्लॉक से 3 लाख से अधिक आवेदन पत्र (Application letter) जमा किए गए थे. जांच में अब तक 110 चिटफंड कंपनियों द्वारा अरबों रुपए की ठगी की जानकारी सामने आई है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी है.

ऐसे पूरी होगी धन वापसी की प्रक्रिया
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक तहसील कार्यालयों से अब कलेक्टरों के माध्यम से जिले के पुलिस अधीक्षकों को जानकारी भेजी जाएगी. उसके बाद आवेदकों के बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज किए जाएंगे. फिर कंपनियों की चल अचल संपत्तियों की जानकारी जुटाने के बाद धन वापसी की प्रक्रिया कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर के पूरी की जाएगी. न्यायालय के आदेश के बाद नीलामी होगी और तब जा कर धन वापसी होगी. जानकारी के मुताबिक इस प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है. ऐसे में प्रशासन को जितनी जल्दी हो सके तहसीलों में डंप आवेदनों को मुख्यालय भेजने की जरूरत है, ताकि प्रक्रिया जल्द ही पूर्ण की जा सके।

5 हजार से 50 लाख तक के आवेदन

आवेदन करने वालों में 5 हजार से 50 लाख तक के निवेश करने वाले लोग हैं. इन आवेदनों में 110 से ज्यादा चिटफंड कंपनियों के ठगने की बात सामने आई है. जिनकी संपत्ति के संबंध में प्रशासन के पास कोई जानकारी ही नहीं है. निवेशकों के द्वारा किए गए आवेदनों के आधार पर तहसील में निवेशकों के नाम, पता, मोबाइल नंबर, जमा की गई राशि, कंपनी का नाम, जमा करने की तारीख व मैच्योरिटी की तारीख की इंट्री की गई है. उसी के आधार पर प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी.


यह है जिला स्तर पर लंबित आवेदनों का हाल

जिला आवेदन
रायपुर 3,66,330
बलोदा बाजार 1,68,435
जांजगीर चांपा 1,90,465
गरियाबंद 40,658
कांकेर 1,80,000
सूरजपुर 49,270
राजनांदगांव 1,10,240
बलरामपुर 31,943
धमतरी 89,920
अंबिकापुर 47,265
महासमुंद 1,22,343
नारायणपुर 6,452
कोंडागांव 31,279
कोरबा 77, 320
सुकमा 4,454
बिलासपुर 1,50,000
बस्तर 3,000
बीजापुर 18,324
दंतेवाड़ा 2,100
जशपुर 22,033
दुर्ग 1,65,328

रायपुर में 3 लाख से अधिक आवेदन
रायपुर की अपर कलेक्टर पद्मिनी भोई ने बताया कि रायपुर जिले में निवेशकों के आवेदन काफी संख्या में आए हैं. वर्तमान में सभी आवेदनों की स्क्रूटनी की जा रही है. किन फर्म्स के कितने आवेदन निवेशकों द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं, उस संबंध में हम उनकी स्क्रूटनी की कार्रवाई कर रहे हैं. हालांकि रायपुर जिले में 3 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं.

Last Updated : Sep 28, 2021, 6:30 PM IST

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