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अमित जोगी ने निभाई पिता की इफ्तार देने की परंपरा

अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने अस्पताल में रहकर भी अपने पिता की परंपरा को निभायी. उन्होंने अस्पताल से विशेष अनुमति लेकर परिसर में ही इफ्तार की दावत दी और सभी के साथ मिलकर पिता के स्वस्थ होने की दुआ मांगी.

Amit Jogi played father's Iftar tradition in Raipur
अमित जोगी ने दी इफ्तार की दावत

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Published : May 22, 2020, 8:33 AM IST

Updated : May 22, 2020, 1:30 PM IST

रायपुर: प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी पिछले 10 दिनों से अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. उन्हें दवा के साथ दुआओं की भी जरूरत है. लिहाजा प्रदेश भर में उनके समर्थकों और शुभचिंतकों की तरफ से धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से उनके स्वस्थ होने की कामना की जा रही है. रमजान के पाक महीने में अजीत जोगी की तरफ से हर साल बंगले में 27वें रोजा के दिन इफ्तार की दावत दी जाती थी. ऐसे मुश्किल दौर में जब एक तरफ कोरोना संकट है और दूसरी तरफ अजीत जोगी अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहे हैं, तो भी उस परंपरा को उनके बेटे अमित जोगी ने जारी रखा है.

अमित जोगी ने निभाई पिता की परंपरा

अपने पिता की सालों पुरानी परंपरा को निभाते हुए अमित जोगी ने अस्पताल से विशेष अनुमति लेकर इफ्तार की दावत दी. ये दावत अस्पताल परिसर में ही सांकेतिक रूप से दी गई है. इस दौरान उनकी मां रेणु जोगी भी मौजूद रहीं. वहीं दावत के साथ ही उन्होंने सभी के साथ मिलकर अजीत जोगी की सेहत के लिए दुआ मांगी.

इफ्तार की दावत देते अजीत जोगी

अमित जोगी ने दी इफ्तार की दावत

अस्पताल परिसर में ही अमित जोगी ने सांकेतिक तौर पर अच्छी व्यवस्था करके मुस्लिम भाइयों को इफ्तार की दावत दी. बता दें कि रमजान का महीना साल भर में 11 महीनों पर सबसे ज्यादा फजीलत वाला महीना है. इस पाक महीने में कुरान शरीफ नाजिल हुई थी. इस महीने को तीन असरों में बांटा गया है. तीनों असरों का काफी महत्व होता है. मुस्लिम समुदाय के सभी लोग इस पाक महीने में अल्लाह की इबादत में जुटे रहते हैं.

अजीत जोगी के स्वस्थ होने की दुआ

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क्या होता है असरा ?

रमजान का महीना हर मुसलमान के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिसमें 30 दिनों तक रोजे रखे जाते हैं. इस्लाम के मुताबिक, पूरे रमजान को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जो पहला, दूसरा और तीसरा असरा कहलाता है. असरा अरबी का 10 नंबर होता है. इस तरह रमजान के पहले 10 दिन (1-10) में पहला असरा, दूसरे 10 दिन (11-20) में दूसरा असरा और तीसरे दिन (21-30) में तीसरा असरा बंटा होता है. कहा जाता है कि रमजान के पाक महीने में मांगी गई दुआ कभी खाली नहीं जाती है. लिहाजा अजीत जोगी के स्वस्थ होने की दुआ मांगी जा रही है.

अस्पताल परिसर में इफ्तार की दावत
Last Updated : May 22, 2020, 1:30 PM IST

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