रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक दौर ऐसा था जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सीटों पर मारामारी थीं. हालात यह थे कि बहुतों को बीई की पढ़ाई के लिए सीट नसीब नहीं हो पा रही थी. बीते कुछ सालों में इंजीनियरिंग की सीटें लगातार घटती जा रही हैं. पिछले 4 साल के आंकड़े की यदि बात की जाए तो प्रदेश में 8,886 सीटें घट गई हैं. प्रदेश में इस सत्र में ही 640 इंजीनियरिंग की सीटें घटी हैं. इंजीनियरिंग के क्षेत्र में छात्रों का कम होता रुझान चिंता का विषय बना हुआ है. जानकारों की मानें तो इसका मुख्य कारण इंजीनियर्स की बेरोजगारी है.
इस सत्र में 640 सीटें घटीं
छत्तीसगढ़ में पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते कॉलेजेस बंद रहे. छात्र घर बैठे ही ऑनलाइन क्लास अटेंड (online class attend) कर रहे थे. इससे कहीं न कहीं कॉलेजों पर भी आर्थिक संकट गहराया. इसके चलते इस सत्र में तीन इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो गए हैं. वहीं, इस सत्र में 640 सीटें भी घटी हैं. दो पुराने संस्थानों के संबद्धता लेने और तकनीकी विश्वविद्यालय अध्ययन शाला में बीई शुरू होने से कॉलेजों की संख्या इस बार 33 ही रहेगी. आपको बता दें कि एक जमाने में छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग की करीब 40 से अधिक महाविद्यालय संचालित हो रही थीं.
पिछले साल की तुलना में घटी सीटें
यूनिवर्सिटी द्वारा संबद्धता जारी होने के बाद टेक्निकल कोर्सेज की सीटें जारी कर दी गई हैं. इस बार भी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों (polytechnic colleges) की सीटें पिछले साल की तुलना में घटी हैं. सत्र 2020-21 में जहां बीई की 12,021 सीटें थीं, वहीं अब 11,381 सीटें रह गई हैं. इस तरह 640 सीटें इस सत्र में घटी हैं. वहीं, डिप्लोमा इंजीनियर्स की सीटें 8,572 से घट कर 7,870 हो गई हैं. इस सत्र में 702 सीटें कम हुई हैं. साथ ही लेटरल एंट्री बीई, बी. फार्मेसी और डिप्लोमा (Lateral Entry BE, B. Pharmacy and Diploma) की सीटें भी घटी हैं.