रायपुर:राजधानी में कुछ युवकों के साथ एम्स में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी की गई. इसमें राजनादगांव के रहने वाले एक युवक ने पुलिस से जब शिकायत की तो पूरे केस का खुलासा हुआ. ठगी करने वाले कई दिनों से युवकों को अपने झांसे में लिए हुए थे. एम्स के बड़े डॉक्टर और अधिकारियों का नाम लेकर खुद को उनका करीबी बताया और बेरोजगारों से लगभग 10 लाख रुपए वसूल लिए. इस केस की छानबीन आमानाका पुलिस कर रही है. केस के प्रारंभिक जांच में मानवाधिकार आयोग के कर्मचारी और युवक जो खुद को एम्स का डॉक्टर बताता है के शामिल होने का आरोप लगा है. आमानाका पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर 420 के तहत मामला दर्ज किया है.
एम्स में नौकरी लगाने के नाम पर युवकों से 10 लाख की ठगी, मानवाधिकार आयोग के कर्मचारियों पर आरोप - मानव अधिकार आयोग रायपुर
एम्स में नौकरी लगाने के नाम पर युवकों से 10 लाख रुपये की ठगी की शिकायत आमानाका पुलिस को मिली है. पीड़ित युवक से खुद को एम्स का डॉक्टर बताकर एक शख्स ने रुपये ठग लिए. पीड़ित ने मानव अधिकार आयोग के कर्मचारियों पर ठगी का रैकेट चलाने का आरोप लगाया है.
शिकायतकर्ता युवराज ने बताया कि मेघनाथ चंद्रवंशी नाम का शख्स जो राजनादगांव का ही रहने वाला है. वर्तमान में यह राज्य मानव अधिकार आयोग रायपुर में सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदस्थ है. मेघनाथ ने फरवरी में युवराज को कॉल करके रायपुर एम्स में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर भर्ती की जानकारी दी. उसने कहा कि नौकरी के बदले 3 लाख रुपए देने होंगे इसके लिए युवराज में हामी भी भर दी. जब युवराज ने पूछा कि नौकरी कैसे लगेगी तो मेघनाथ ने कहा कि मानवाधिकार कार्यालय में मेरे सहकर्मी के रिश्तेदार डॉ मनीष टंडन रायपुर में पदस्थ है.
10 लाख रुपए की ठगी
मनीष ने बताया कि नौकरी की बात उसने एम्स के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से उनकी बात हो चुकी है. इन अधिकारियों का नाम सुनकर युवराज ने 3 लाख रुपए दे दिए. बदले में युवराज को नियुक्ति पत्र दिया गया. जब इसे लेकर पीड़ित युवराज एम्स पहुंचा तो इस पत्र को फर्जी बताया गया. पुलिस के मुताबिक इसी तरह अन्य युवकों से कुल 10 लाख रुपए लिए गए हैं. फिलहाल मामले की जांच आमानाका पुलिस कर रही है.