रायगढ़: लोगों को पोषण का महत्व बताने एवं सुपोषित आहार से स्वास्थ्य व्यवहार को विकसित करने के लिए जिले के 3,409 आंगनबाड़ी केन्द्रों में राष्ट्रीय पोषण माह (National Nutrition Month) का आयोजन किया जा रहा है. 3 सितंबर से शुरू हुए इस पोषण माह में पोषण के प्रति जागरूकता लाने के लिए विविध आयोजन (Nutrition fashion walk in Anganwadi of Raigarh) हो रहे हैं. इसी क्रम में रायगढ़ जिले में अनूठी पहल की गयी है. यहां के आंगनबाड़ियों में बच्चों से पोषण फैशन वॉक करवाया जा रहा है. जिसमें बच्चे फल व सब्जी की वेशभूषा में आंगनबाड़ी पहुंचकर पोषण फैशन वॉक कर रहे हैं.
रायगढ़ के आंगनबाड़ियों में हो रहा पोषण फैशन वॉक
खेल-खेल में दे रहे पोषण का ज्ञान: बुधवार को महिला एवं बाल विकास की टीम धरमजयगढ़ विकासखंड के दौरे पर थी. जहां टीम ने कई आंगनबाड़ियों का दौरा किया. गांव गांव घूमकर पोषण के लिए किये जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों का जायजा लिया. आंगनबाड़ी अमलिटिकरा में कोई पोषण की रानी बनी थी, तो कोई भिंडी राजा. तो कोई लुभावना लौकी. महिला स्वास्थ्य विषय पर कार्यशाला तथा आंगनबाड़ी और स्कूल स्तर पर खेल-खेल में पोषण ज्ञान एवं स्वच्छता कार्यक्रम भी आयोजित हो रहे हैं. ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण विषय पर जागरूकता कार्यक्रम एवं रैली निकाली जाएगी. स्वसहायता समूहों के माध्यम से स्थानीय पौष्टिक व्यंजनों की प्रदर्शनी लगाई जा रही है.
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राष्ट्रीय पोषण माह का महत्व: सामूहिक सहभागिता से महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी टिकवेंद्र जाटवर ने बताया "राष्ट्रीय पोषण माह पूरे देश में मनाया जा रहा है. जिले में हम हर वर्ष रचनात्कम तरीके से जागरूकता अभियान का आयोजन करते हैं. पोषण फैशन वॉक इसी में से एक है. नवाचार लोगों को आकर्षित करने में मददगार है और जब वह स्वास्थ्य के लिए हो तो और बेहतर हो जाती है. कोविड काल में भी हमने जागरूकता कार्यक्रम जारी रखे. पोषक पदार्थों युक्त भोजन से कई बीमारियों से व्यक्ति दूर रहता है. यह स्वस्थ जीवन की कुंजी है. इसीलिए बचपन से पोषण आहार के बाहर में सही जानकारी देना हमारा मुख्य उद्देश्य है. इस बार पोषण माह कोविड नियमों के पालन के साथ ही विभिन्न विभागों की सामूहिक सहभागिता के जरिए मनाया जा रहा है."
हर साल अलग थीम होता है: राष्ट्रीय पोषण माह को हर वर्ष विशेष थीम के आधार पर मनाया जाता है. इस वर्ष भी महिला एवं स्वास्थ्य, बच्चे एवं शिक्षा-पोषण की पढ़ाई, जेंडर, संवेदी जल संरक्षण एवं प्रबंधन, आदिवासी क्षेत्र के महिलाओं एवं बच्चों हेतु परंपरागत आहार की थीम पर यह आयोजित हो रहा है. पोषण माह के दौरान वजन त्यौहार में छूटे हुए बच्चों का वजन एवं ऊंचाई मापन किया जाता है. ग्राम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिन द्वारा पोषण संदेशों पर आधारित नारा लेखन, गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर उनके पोषण देखभाल संबंधित परिचर्चा इत्यादि होगी.