रायगढ़:सारंगढ़ विकासखंड़ के ग्राम अमझर में 115 सागौन चिरान एक ग्रमीण के घर से जब्त किया गया है. इसके साथ ही सागौन की 4 बल्ली भी घर से बरामद हुई है. आरोपी के पास इससे संबंधित कोई भी कागजात मौजूद नहीं थे. विभाग सागौन जब्त कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है. वन विभाग ने जब्त किए गए सागौन की कीमत 2 लाख रुपये बताई है.
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सारंगढ़ विकासखंड़ के ग्राम अमझर निवासी धोबा जायसवाल और उसके पुत्र नरोत्तम जायसवाल के निवास में बड़ी संख्या में सागौन के चिरान रखे जाने की सूचना मुखबिर के माध्यम से वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी को मिली थी. जिस पर उक्त ग्रामीण के निवास में जाकर विभाग की टीम ने पूछताछ कर छापेमार कार्रवाई की. जहां उसकी बाड़ी में 115 अवैध सागौन चिरान का जखीरा मिला. उक्त सागौन के संबंध मे तत्कालिक रूप से आरोपी धोबा जायसवाल कोई भी कागजात प्रस्तुत नहीं कर पाया और वन विभाग के अधिकारियो को मौखिक जानकारी दी कि चिरान रायगढ़ के उनके एक परिचित का है और उसके निजी सागौन पेड़ को काटने की अनुमति लेकर ही उन्होंने उक्त सागौन चिरान को कटवाया है.
जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई
वन विभाग ने उक्त अनुमति पत्र और संबंधित से पूर्ण जानकारी लेने के लिये जांच प्रारंभ कर दिया है. मौके पर बरामद किया गया सागौन चिरान सामान्य वन विभाग के कार्यालय परिसर ले जाया गया है. देर शाम 9 बजे हुई इस कार्रवाई के बाद लकड़ी माफियाओं में हड़कंप मच गया है. इस संबंध में वन विभाग सामान्य के अधिकारी-कर्मचारी ने जांच करने और कागजात प्रस्तुत करने के बाद ही कोई कार्रवाई करने की बात कही है. फिलहाल जांच कर पंचनामा बनाकर तात्कालिक रूप से 115 सागौन चिरान और 4 नग सागौन की बल्ली की जब्ती बनाई गई है.
गोमर्डा अभ्यारण्य में सक्रिय है सागौन तस्कर
सारंगढ़ के गोमर्डा अभ्यारण्य के पास अमझर गांव है. गोमर्डा अभ्यारण्य में सामान्य वन विभाग को सागौन के लकड़ी तस्करों की सक्रियता की सूचना काफी समय से मिल रही थी. वर्षो बाद वन विभाग ने किसी लकड़ी तस्कर पर कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि वन विभाग में सामान्य और अभ्यारण्य दोनों के ही जंगलों में लकड़ी की अवैध अंधाधुंध कटाई बदस्तूर जारी है. संरक्षित वनों के विकास के लिये सारंगढ़ अंचल में रोपे गये हजारों सागौन पेड़ों पर लकड़ी तस्करों की नजर है.
वन्य प्राणियों के अवैध शिकार और अवैध लकड़ी कटाई
वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिये सारंगढ़ के जंगल को गोमर्डा अभ्यारण्य घोषित किया गया है. 277 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन्य प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षित वन के लिये संरक्षित पेड़ों का रोपण तो किया गया है लेकिन इनकी सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.एक माह में ही अवैध शिकार के 4 प्रकरण सामने आ गये, जिससे गोमर्डा अभ्यारण्य के कर्मचारियों के गश्ती दल की पोल खुल गई है. अब अवैध सागौन चिरान का भारी मात्रा में मिलना विभाग पर सवाल खड़ा कर रहा है.