जांजगीर-चांपा : भारतीय स्टेट बैंक पामगढ़ में एक खाता धारक की हत्या होने के बाद बीमा की रकम नहीं देने के मामले में फोरम ने फैसला सुनाया है. इस मामले में खाताधारक के बैंक खाते से प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 12 रुपए की राशि कटी थी. जिसमे नॉमिनी उसकी पत्नी को बनाया गया था. लेकिन खाताधारक की हत्या हो जाने के बाद बीमा कंपनी ने हत्या को दुर्घटना की श्रेणी में नहीं माना (Murder not treated as accident) और बीमा राशि देने से इनकार किया. जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया. इस मामले में फोरम ने बीमा कंपनी को राशि भुगतान करने के निर्देश (Instructions to the insurance company to pay the amount) दिए हैं.
क्या है पूरा मामला : जिले के भैंसों गांव निवासी खीखराम निर्मलकर का खाता भारतीय स्टेट बैंक पामगढ़ में था. इस खाते से 31 मई 2019 को 12 रुपये प्रीमियम की राशि काटकर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत दुर्घटना बीमा (Accident insurance under Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana) किया गया. इस खाते में खीखराम की पत्नी चित्रेखा नॉमिनी थी. इसके कुछ दिन बाद 26 जून 2019 को खीखराम की किसी ने हत्या कर दी. पति के मौत के बाद पत्नी ने बीमा की राशि के लिए बैंक में आवेदन दिया. लेकिन बैंक और नेशनल इंश्योरेंस बीमा कंपनी ने ये कहते हुए बीमा राशि देने से मना किया कि पॉलिसी होल्डर की मौत एक्सीडेंट में नहीं हुई है. इसलिए बीमा का दावा खारिज किया जाता है.