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बसना विधायक ने केंद्रीय रेल मंत्री से की ये मांग - Bargarh Raipur Rail Line

बसना से बरगढ़ और रायपुर के बीच रेल लाइन की मांग तेज हो गई है. बसना विधायक ने इसके लिए केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है.

Basna MLA demands Union Railway Minister for Bargarh-Raipur rail line
बसना विधायक

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Published : Jan 25, 2021, 3:42 PM IST

महासमुंद :बसना से बरगढ़ के बीच रेल लाइन की मांग 1962 से जारी है. सरायपाली, बसना, पिथौरा से बरगढ़ तक लोग रेल मार्ग की मांग कर रहे हैं. पिछले कई साल से सरायपाली, बसना के विधायक और महासमुंद के सांसद लगातार केंद्रीय रेल मंत्री को आवेदन लिखकर स्वीकृति के लिए आवेदन दिया है. वन विकास निगम के अध्यक्ष और बसना विधायक राजा देवेंद्र बहादुर सिंह ने फिर एक बार बरगढ़ से रायपुर रेल लाइन की केंद्रीय रेल मंत्री से मांग की है.

विधायक राजा देवेंद्र बहादुर सिंह ने लोगों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि जनहित, विकास को देखते इस रेल लाइन का निर्माण होना चाहिए. इससे भविष्य में होने वाले व्यापारिक, औद्योगिक, शिक्षा, रोजगार और अन्य विषयों पर लाभ मिलेगा. उन्होंने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के लाखों लोगों की भावनाओं को केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को अवगत कराते हुए अविलंब रायपुर बरगढ़ रेल मार्ग की स्वीकृति के लिए पत्र लिखा है.
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लोगों को होगी सहूलियत

विधायक देवेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि रायपुर से बरगढ़ रेल लाइन के जुड़ जाने से महासमुंद जिला के पिथौरा, सांकरा, बसना, सरायपाली और सोहेला ओडिशा के आम नागरिकों को सहूलियत होगी. व्यापारियों, पर्यटकों और औद्योगिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ पूर्वी छत्तीसगढ़ और पश्चिमी ओडिशा का आपस में रोटी-बेटी, मिट्टी और सांस्कृतिक भाईचारा बना हुआ है. रायपुर सरायपाली बरगढ़ रेल लाईन बनाने से दिल्ली, मुंबई आदि मेट्रो सिटी की दूरी बरगढ़ संबलपुर से 200 से 400 किलोमीटर कम हो जायेगी.

दिल्ली-मुंबई की दूरी होगी कम

रायपुर से कोलकाता, ओडिशा की ओर जाने वाली रेल लाईन के माध्यम से 150 किलोमीटर की दूरी कम हो जायेगी. पर्यटन की दृष्टि से विश्व धरोहर सिरपुर, बारनवापारा अभ्यारण में भी जुड़ सकेंगे. 2011-12 में छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस रेल लाइन को जोड़ने हेतु ध्वनिमत से प्रस्ताव पास हो चुका हैं. इस रेल लाइन की मांग सन 1962 से चल रही है, जिसमें कि सभी दल के विधायक और सांसदों का सदैव समर्थन रहा है. वर्ष 2012 में इस रेल लाइन के लिए केंद्रीय रेल बजट में सर्वे के लिए प्रावधान किया गया था. अनेक संगठनों के लगातार मांग के बाद छत्तीसगढ़ रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड के पत्र दिनांक 10 सितंबर 2018 में इस रेल लाइन को तकनीकी रूप से संभव बताया है.

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