कोरबाः देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर ऊर्जाधनी में खासा हर्षोल्लास रहता है. सामान्य तौर पर पावर प्लांट में जाने की अनुमति आम लोगों को नहीं दी जाती, लेकिन विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti) के दिन पॉवर प्लांट (power plant) के द्वार आम लोगों के लिए भी खोले जाते हैं. इस लिहाज से यह दिन जिलेवासियों के लिए खास रहता है.
लोग पावर प्लांट (power plant) में जा कर बड़ी-बड़ी मशीनों और बिजली उत्पादन इकाइयों को समीप से देख सकते हैं, लेकिन इस वर्ष कोविड के प्रकोप और लगातार बरसात के कारण कुछ विघ्न भी पड़ा. अनुमति जरूर मिली है, लेकिन भीड़-भाड़ (overcrowding) एकत्र नहीं करने के नियम के कारण उत्सव की रौनक फीकी रही.
पावर प्लांट और SECL के वर्कशॉप में विराजित की गईं प्रतिमाएं
देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा को निर्माण का देवता माना जाता है. इस लिहाज से पावर प्लांट (power plant) के साथ ही कोयला खदानों (coal mines) के भीतर मौजूद वर्कशॉप (workshop) में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित की जाती है. पारंपरिक तौर पर यहां उत्सव (Celebration) जैसा माहौल रहता है. कर्मचारी अपने परिवार के साथ अपने कार्यस्थल (Workplace) पर पहुंचते हैं और बड़ी-बड़ी मशीनों (machines) का अवलोकन अपने परिजनों को करवाते हैं.