कोरबाःट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) पर वसूली जैसे संगीन आरोप (Serious Charges Like Recovery) गाहे-बगाहे लगते रहते हैं. लेकिन इस बार यह आरोप जिले में ट्रैफिक पुलिस के मुखिया डीएसपी (Traffic Police DSP) शिवचरण सिंह परिहार पर लगा है.
शुक्रवार की रात दीपका कोयला खदान से कोथारी साइडिंग (Kothari Siding) तक कोयले का परिवहन (Coal Transportation) करते ट्रकों को डीएसपी परिहार ने उरगा रेलवे फाटक के पास रुकवा लिया. कोयला लोड ट्रकों को मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन में खड़ा करा दिया. ट्रांसपोर्टर का आरोप है कि ट्रैफिक डीएसपी (Traffic DSP) प्रति ट्रक 500 रुपये महीना बांधने के लिए दबाव बना रहे हैं.
ऐसे में उनके पास मौजूद कुल 70 से 75 ट्रकों के हिसाब से 40 हजार रुपये महीने का खर्चा बढ़ेगा. इस अनैतिक डिमांड के आरोप (Allegation Of Unethical Demand) वाले प्रश्न पर ट्रैफिक डीएसपी ने इनकार करते हुए कहा कि नियम विरुद्ध काम करते हुए पाए जाने पर ट्रक वाले इस तरह के अनर्गल आरोप लगाते हैं. इस पूरे मामले में कई सवाल भी उत्पन्न हो रहे हैं. ट्रैफिक डीएसपी ने अपनी टीम के साथ उरगा फाटक के पास कुल 7 ट्रकों को रुकवाया था.
इनमें से 6 ट्रकों को उन्होंने बिना चालान (Invoice) काटे की जाने दिया, लेकिन कोयला लदी ट्रकों का परमिशन (Truck Permits) वाले बिल्टी पत्र को अपने पास रख लिया. एक ट्रक को शनिवार की सुबह और दोपहर तक भी पुलिस लाइन में खड़ा करके रखा था. अब सवाल यह है कि पकड़े गए सभी ट्रक नो एंट्री (No Entry) में गए थे तो इन्हें बिना चालान के छोड़ क्यों दिया गया और सिर्फ एक ट्रक को ही जमानत (Bail) के तौर पर क्यों रोक कर रखा गया है?
चालक बोला, डिमांड पूरी नहीं करने पर किया जाता है परेशान
ट्रक संचालित करने वाले ट्रांसपोर्टर और ट्रकों के सुपरवाइजर मोहम्मद आरिफ का कहना है कि बीती रात हमारे 7 ट्रकों को डीएसपी परिहार ने रुकवा लिया. सभी कागज कंप्लीट (paper complete) है. इंश्योरेंस (Insurance) के साथ ही परमिट व पर्यावरण प्रमाण पत्र (Environmental Certificate) भी मौजूद है. सभी ट्रक पूरी तरह से एक नंबर में नियमों के अनुसार ही संचालित हो रहे हैं. जो कि कोयला लदान का काम करते हैं.
ट्रैफिक डीएसपी ने जान-बूझ कर ट्रकों को रुकवाया और 500 रुपये प्रति ट्रक महीने की डिमांड कर रहे हैं. इसके अनुसार हमारे मालिक के पास 70 से 75 ट्रक के हिसाब से महीने 40 हजार रुपये महीना देना पड़ेगा. हमें लगातार इस तरह से परेशान किया जाता है और अनैतिक पैसों की डिमांड (Demand For Money) की जाती है. डिमांड पूरी नहीं करने पर साफ तौर पर कहा जाता है कि सड़कों पर चलने नहीं दिया जाएगा.