कोरबा :कहते हैं परिवार एक इंसान की असली ताकत होता है.कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अगर आपका परिवार आपके साथ है तो फिर डर किस बात का. कोरबा जिले के जमनीपाली टाउनशिप में रहने वाले अश्वनी चंद्रा के परिवार ने इस बात को सही साबित करके दिखाया है. चंद्रा, उनकी पत्नी और दोनों बच्चे सभी की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. होम आइसोलेशन में रहकर परिवार अपना इलाज करा रहा था. इस कठिन समय में सभी एक दूसरे की हिम्मत बने. पॉजिटिविटी के साथ अपना इलाज करवाया और 17 दिन आइसोलेशन में रहने के बाद स्वस्थ होकर लौटे.
परिवार के 4 लोगों को हुआ था कोरोना
कोरबा NTPC में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत अश्वनी चंद्रा, उनकी पत्नी अन्नपूर्णा, 12 साल के बेटे अभिमन्यु और 24 वर्षीय बेटी भैरवी सभी पिछले साल नवंबर में कोरोना पॉजिटिव आए थे. जब परिवार के लोगों की एक-एक कर रिपोर्ट पॉजिटिव आने लगी तो सभी का परेशान होना स्वभाविक था. कोरोना से लड़ने के अलावा उनके सामने परिवार और उनकी जरूरतों की भी समस्या आ खड़ी हुई थी. परिवार के सभी लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया था. किसी को भी बाहर जाने की इजाजत नहीं थी. परिवार के सदस्यों ने हिम्मत से काम लेते हुए घर में पॉजिटिव महौल बनाया और खुद को घर के कामों में व्यस्त रखने लगे.
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पॉजिटिव सोच से मिली मदद
परिवार के मुखिया अश्वनी बताते हैं कि मैने शुरू से ही सकारात्मक सोच रखी. एक पल के लिए भी निगेटिविटी को खुद पर हावी नहीं होने दिया. घर पर गेम्स खेलकर, घरेलू काम कर और बातचीत कर हंसी-खुशी के साथ समय बिताते थे. अश्वनी कहते हैं कि पूरा परिवार एक साथ था और हम एक दूसरे को संबल देते रहते थे. मैंने कभी यह नहीं सोचा कि कल क्या होगा मैंने सिर्फ इतना सोचा कि जो आज मेरे हाथ में है. इसे जी भर कर जी लेना चाहिए. फिर चाहे कल का परिणाम जो भी हो. इसी सोच के साथ हम आगे बढ़े. मिल-जुलकर काम करने लगे मेरे घर में एक छोटा-सा गार्डन है. वहां सब्जी और फूल पौधों को संवारने में काफी समय देने लगे. देखते ही देखते कब समय खत्म हुआ पता ही नहीं चला. सभी ने बीमारी को मात दी और निगेटिव से रिपोर्ट पॉजिटिव आई.