कोरबा: कोरबा और धरमजयगढ़ वन मंडल की सीमा पर श्यांग में बीमार हथिनी की मौत हो गई है. हाथियों की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ विगत कुछ समय से सुर्खियों में है. लेकिन इस बार यह मौत प्राकृतिक बताई जा रही है. वन विभाग का कहना है कि बीमार हथिनी की उम्र लगभग 65 वर्ष की है. वह अपने जीवन काल के अंतिम पड़ाव पर थी. यह पूरी तरह से प्राकृतिक मौत है.
3 महीने से वन विभाग कर रहा था हथिनी की देखभाल
बीमार हथिनी भटक कर पहली बार इसी वर्ष के जून माह में कोरबा वन मंडल की सीमा में पहुंची थी. जिसके बाद वापस लौट गई थी और लगातार धरमजयगढ़ और कोरबा वन मंडलों में वह घूम रही थी. 6 जुलाई को वह कोरबा वन मंडल की सीमा में दाखिल हुई थी. तभी से वह अधिक बीमार थी. बीमार होने के कारण वह अधिक दूरी का सफर तय नहीं कर पा रही थी. पिछले कुछ दिनों से बीमार हथिनी चलने फिरने में भी लाचार थी. इस तरह बीते लगभग 3 महीने से कोरबा और धरमजयगढ़ वन मंडल के अधिकारी और कर्मचारी बीमार हथिनी की देखभाल कर रहे थे. इस दौरान उसकी दवा और डाइट का भी विशेष ध्यान रखा गया था.
55 से 60 वर्ष होती है हाथियों की औसत उम्र: वन विभाग