कोरबा:एसईसीएल में सीएमडी का पद सर्वोच्च होता है. हाल ही में कंपनी कोयला उत्खनन के अपने टारगेट से पिछड़ी है, जिसके बाद अधिकारियों का तबादला किया गया है. पीएस मिश्रा ने 2 दिन पहले ही एसईसीएल के सीएमडी के तौर पर पदभार ग्रहण किया, जिसके बाद वह सबसे पहले एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने कोरबा पहुंचे. कोरबा की इन तीन कोयला खदानों से ही बड़ी मात्रा में देश की कोयला जरूरतों को पूरा किया जाता है. यहां उत्पादन कम होने का मतलब देश भर में कोयला क्राइसिस जैसी परिस्थितियां निर्मित होने का संकेत देती हैं. (SECL CMD PS Mishra inspect coal mines of Korba )
देर शाम कुसमुंडा क्षेत्र पहुंचे सीएमडी ने अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसके बाद सुबह वह टीम के साथ कुसमुंडा फेस पहुंचे व बारीकियों का अवलोकन किया. कुसमुंडा से उत्पादन एवं डिस्पैच को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत हुई. कुसमुंडा खदान में विभागीय संचालन का बड़ा योगदान है. इस मेगा प्रोजेक्ट्स से कंपनी को काफी उम्मीदें हैं.
SECL New CMD Statement: छोटे उद्योग को कोयला मिले इसकी करेंगे व्यवस्था
गेवरा खदान पहुंचकर सीएमडी ने समीक्षा बैठक ली. गेवरा क्षेत्र द्वारा लगातार 1.5 लाख टन प्रतिदिन से अधिक का उत्पादन किया जा रहा है. इसे और बढ़ाया जाने पर जोर दिया, दीपका माईन से भी एक लाख टन से अधिक का रोजाना कोयला उत्पादन हो रहा है. यहां समीक्षा बैठक के बाद डिस्पैच सुविधाओं का निरीक्षण किया गया. खदान में उतरकर गतिविधियों का जायजा लिया. मेगा प्रोजेक्ट्स के श्रम संघ प्रतिनिधियों/यूनियन एसोसिएशन/अधिकारी संघ से मिले. स्थानीय जन प्रतिनिधि पार्षद से मिलने के बाद मेगा प्रोजेक्ट्स में सुरक्षा के लिए तैनात त्रिपुरा रायफल्स के डीआईजी ने बातचीत हुई.
भू-विस्थापितों की समस्याएं भी सुनी
कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने भू-विस्थापित पिछले लगभग 3 महीने से आंदोलन कर रहे हैं. यहां आंदोलन करने वाले विस्थापितों ने पंडाल बना रखा है. सीएमडी ने विस्थापितों को बुलाया और उनसे चर्चा की. विस्थापितों ने इस दौरान अपनी समस्याओं से सीएमडी को अवगत कराया. सीएमडी ने भी उनकी समस्याओं को सुना और उचित समाधान का आश्वासन भी दिया. जिसके बाद वह वापस बिलासपुर के लिए रवाना हुए.