कोरबा:बीजेपी की प्रखर नेत्री और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय शुक्रवार को कोरबा के प्रवास पर रही. टीपी नगर स्थित भाजपा के जिला कार्यालय में उन्होंने कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण बैठक ली. इसके बाद वह वापस भिलाई के लिए रवाना हो गयीं. सरोज पांडेय जांजगीर जिले के अकलतरा से कोरबा सड़क मार्ग से आ रहीं थीं. इस दौरान उन्होंने सड़क पर बने गड्ढों को लेकर एक वीडियो ट्वीट कर दिया, सरोज पांडेय अपने चार चक्के वाहन से नीचे उतरीं और सड़क के गड्ढे दिखाते हुए एक वीडियो संदेश बनाया. उन्होंने कहा कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क समझ में नहीं आ रहा, पांडे ने प्रदेश सरकार पर सड़क के मुद्दे पर जमकर घेरा. Saroj Pandey attacks bhupesh government
सरोज पांडे ने भूपेश सरकार पर साधा निशाना सवाल :आप सड़क मार्ग से कोरबा आ रही थी. इस दौरान आपने वीडियो बनाया और ट्वीट किया, क्या जरूरत पड़ी कि आपको रास्ते में वाहन से नीचे उतरना पड़ा?
जवाब : जिस सड़क पर मैं आ रही थी. उस सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क है, यह मुझे समझ में नहीं आ रहा था. गाड़ी जिस अंदाज में चल रही थी. उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनता कितनी परेशान है. राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री कहते हैं कि सड़कों के संधारण के लिए राशि की कोई कमी नहीं है. यदि सड़कों के संधारण के लिए राशि की कमी नहीं है. तो फिर वह क्या है जिस पर मैं चल कर आई? जिस प्रकार की बात प्रदेश सरकार कहती है. वह उस पर अमल नहीं करती है, यह इस बात का प्रमाण है. यही प्रमाण मैंने जनता को बताया कि वह देखें कि किस तरह से खासतौर पर बारिश के दिनों में जनता को परेशान होना पड़ रहा है."
सवाल : कोरबा के आसपास का इलाका हो या फिर प्रदेश के अन्य जिले, सड़कों की क्या स्थिति है, आप लोगों को भी क्या कोई परेशानी होती है?
जवाब :अब मुख्यमंत्री की तरह हमारे पास तो उड़नखटोला है नहीं. इसलिए हम सड़क पर ही आते हैं. हम सब जमीन के लोग हैं. जिनके पास उड़नखटोला है, उन्हें सड़क नहीं दिखाई देती है. उन्हें सड़क समझ में नहीं आती है. लेकिन जो लोग सड़क पर चलते हैं, उन्हें यह समझ आता है. जनता बेहद परेशान है. मैं मुख्यमंत्री जी को कहना चाहती हूं कि वह एक बार सड़क को संज्ञान में लें. पीडब्ल्यूडी मंत्री को एक बार सड़क पर आना चाहिए, एक बार सड़क को देख लें और सड़कों का संधारण अगर थोड़ा जल्दी करवा दें क्योंकि उन्होंने ही कहा है कि सड़कों के संधारण के लिए राशि की कमी नहीं है.
सवाल :देश में पहली बार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए गैर गांधी व्यक्ति की बात हो रही है, आप क्या सोचती हैं?
जवाब : हमारी शुभकामनाएं हैं. कांग्रेस संगठन अच्छा काम करें. क्योंकि देश में अगर विपक्ष मौजूद है तो सत्ता पक्ष को बेहतर काम करने के लिए वह सचेत करता है. कमजोर विपक्ष बेहतर नहीं होता है. कांग्रेस पार्टी आज जहां खड़ी है, वह अपने अस्तित्व को ढूंढ रही है. इसलिए हम उन्हें सिर्फ शुभकामना दे सकते हैं. वह अपने दलों को देखें, किसको जोड़ना है किसको घटाना है. जोड़ने और घटाने में सब खत्म हो जाता है.
सवाल: गहलोत जी ने दोनों पदों पर बने रहने की बात भी कही है इस पर क्या कहेंगे आप?
जवाब : उनके नेता ने जो कहा है, उन्हें उसका पालन करना चाहिए. और यह उनके पार्टी का अंदरूनी मामला है. यह हमारा विषय नहीं है.