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कोरबा:निजी पैथोलॉजी लैब को मिली कोरोना जांच की अनुमति, 24 घंटे के भीतर मिलेगी रिपोर्ट

कोरबा में अब राज्य सरकार ने निजी पैथोलॉजी लैब को भी कोविड जांच की अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिले के एडवांस डायग्नोस्टिक सेंटर को कोविड-19 की जांच ट्रू नॉट विधि करने की अनुमति मिल गयी है.

Private pathology lab in Korba gets permission for corona test
प्राइवेट लैब

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Published : Sep 28, 2020, 1:09 PM IST

कोरबा:छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने निजी पैथोलॉजी लैब को भी कोविड जांच की अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कोरबा के एडवांस डायग्नोस्टिक सेंटर को कोविड-19 की जांच ट्रू नॉट विधि करने की अनुमति मिल गयी है. दावां यह भी है कि निजी लैब में दिए गए सैंपल की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर मिल जाएगी.

पढ़ें- छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक लाख पार

इस विषय में लैब के संचालक डॉ शोभराज चंदानी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने बिलासपुर संभाग में एक निजी एनएबीएल लैब के एडवांस डाइग्नोस्टिक सेंटर को ही रेपिड टेस्ट की अनुमति दी गयी थी. अब ट्रांसपोर्ट नगर में संचालित एडवांस डाइग्नोस्टिक सेंटर में सुचारू रूप से जांच की जा रही है. कोविड-19 ट्रू नॉट टेस्टिंग कि जांच कोरबा में प्रारम्भ होने से लोगों को अब बड़ी राहत मिलेगी. कोविड-19 ट्रू नॉट टेस्टिंग से लोगों को अब कोरोना कि कितनी मात्रा शरीर में है इसकी पूरी जानकारी मिल पायेगी. जांच रिपोर्ट में हो रही देरी से भी अब लोगों को राहत मिलेगी. निजी लैब में टेस्टिंग होने से लोगों को 24 घंटे के अंदर ही रिपोर्ट मिल जाएगी.

शासन के जारी शुल्क में होगा टेस्ट

कोरोना का संक्रमण तेजी से शहर में फैलता जा रहा है. शहर में ट्रू नॉट विधि से सैंपल टेस्ट की अनुमति मिलने संक्रमण फैलने से रोकने में सहायता मिलेगी. इसके लिए लैब को शासन के जारी दिशा-निर्देश का पालन करना होगा. कोविड टेस्ट के लिए शासन से जारी शुल्क लिया जायेगा. इसके अलावा राज्य में किसी भी जिले से कोविड-19 जांच के लिए सैंपल लिए जा सकते हैं.

कोरोना टेस्ट के लिए निजी लैब को अनुमति मिलने के बाद सरकारी प्रक्रिया में होने वाली लेटलतीफी से भी लोगों को आजादी मिलेगी. वही रैपिड टेस्ट किट से होने वाले टेस्ट से कन्फ्यूजन की स्थिति से भी लोगों को राहत मिलेगी. अब तक के रिसर्च में यह बात सामने आई है कि ट्रू नोट पद्धति से की गई कोरोना जांच का एक्यूरेसी लेवल अधिक होता है. हालांकि इसके लिए मरीजों को शुल्क भी चुकाना होगा जबकि अब तक सरकारी खर्चे पर ही टेस्ट होते रहे हैं.

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