कोरबा:रेलवे ने छत्तीसगढ़ में 23 यात्री ट्रेनों को 24 अप्रैल 2022 से अगले एक महीने के लिए बंद कर दिया है. इससे एक तरफ जहां लोग परेशान हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ राजनीति भी गर्मा गई हैं. भूपेश बघेल इसे लेकर रेलवे के खिलाफ आपत्ति जता चुके हैं. कोरबा में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी सख्त लहजे में रेलवे प्रबंधन से कहा है कि ट्रेन चालू नहीं की गईं, तो कोरबा से कोयले का परिवहन भी पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. (Jaisingh Agarwal statement on stopping train in Korba )
कोरबा विकास समिति के प्रतिनिधि मंडल ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अगुवाई में बिलासपुर पहुंच कर कलेक्टर सारांश मित्तर से मुलाकात की.मौके पर ही डीआरएम को बुलवाया गया. कोरबा क्षेत्र में रेल सुविधा की कटौती के बारे में चर्चा की गई. इस दौरान जयसिंह अग्रवाल ने ट्रेनें चालू नहीं करने पर रेलवे को कोयला बंद करने की चेतावनी दे डाली.
छत्तीसगढ़ में पैसेंजर ट्रेनें बंद करने पर गर्माई सियासत
कोरबा में यात्री ट्रेन बंद: राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने तल्ख तेवर के साथ रेलवे के सौतेले व्यवहार की आलोचना की. इस दौरान सुनिश्चित किया गया कि 29 अप्रैल को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जीएम के साथ बिलासपुर संभाग के सांसद और विधायकों की बैठक रखी जाएगी. राजस्व मंत्री ने कहा कि 'डीआरएम पूरी तैयारी के साथ इसमें पहुंचे. किसी भी तरह की आधी अधूरी जानकारी और बहानेबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर रेलवे बंद ट्रेनों को जल्द बहाल नहीं करता है तो किसी भी ट्रेन को नहीं चलने दिया जाएगा'.
यात्रियों के पैसे हो रहे बर्बाद :राजस्व मंत्री ने कहा कि 'कोरबा से 'ट्रेनें बंद करने की वजह से आम लोगों को परेशानी हो रही है. इस समय गर्मी की छुट्टियां और शादी का सीजन है. इसे लेकर लोगों ने पहले से ही यात्रा के लिए टिकट करा रखा हैं. अब ट्रेनों के बंद कर देने से यात्रियों के समय और पैसे की बर्बादी हो रही है. राजस्व मंत्री ने कठोर शब्दों में कहा कि बिलासपुर रेलवे प्रशासन कोरबा के लोगों की जरूरतों को कोई महत्व नहीं दे रहा है. जिस क्षेत्र से कोयला ढुलाई का काम किया जाता है. उस गेवरा क्षेत्र से आज के समय में एक भी यात्री ट्रेन की सुविधा नहीं है. रेलवे प्रशासन की इस मनमानी से क्षेत्र के लोगों में आक्रोश हैं.
छत्तीसगढ़ में पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का मामला, सीएम बघेल ने रेलवे के खिलाफ जताई आपत्ति
जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि 'रेलवे के इस अड़ियल रवैये से कोरबावासियों में काफी नाराजगी है. जिसकी वजह से वे कभी भी इस मुद्दे को लेकर बड़ा आन्दोलन कर सकते हैं. हालांकि अभी उन सभी को समझाइश देकर रोक रखा गया है. राजस्व मंत्री ने कड़े लहजे में कहा कि यदि कोरबावासियों की भावनाओं के साथ रेल प्रशासन का ऐसे ही अड़ियल रूख रहा तो कभी भी कोरबा में उग्र आंदोलन हो सकता है. जिसकी पूरी जवाबदारी रेलवे प्रशासन की होगी. कोयला ढुलाई के रिकॉर्ड के लिए रेलवे प्रशासन यात्री ट्रेनों को बंद और बार-बार रद्द कर रही है'.
इस तरह रखी अपनी बात : प्रतिनिधिमंडल में जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया, सामाजिक कार्यकर्ता एमडी माखीजा, वरिष्ठ पत्रकार कमलेश यादव, किशोर शर्मा, राकेश श्रीवास्तव शामिल रहे. बैठक में सदस्यों ने कोरबा की स्थिति को लेकर नाराजगी जताई. इसी मसले पर कोरबा विकास समिति ने तय किया कि रेल्वे का रुख नहीं सुधरा तो आगामी दिनों में किसी भी मालगाड़ी को नहीं चलने दिया जाएगा.