कोरबा: दुनिया का सबसे लंबा और जहरीला सांप किंग कोबरा छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मौजूद हैं. पिछले कुछ समय से बड़ी संख्या में खास तौर पर जिले के लेमरू क्षेत्र में किंग कोबरा को देखा और रेस्क्यू भी किया गया. वन विभाग इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष योजना भी तैयार कर रहा है. इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है. नागपंचमी पर आपको बताते हैं किंग कोबरा लोगों के लिए जितना खतरनाक है उतना ही ये पर्यावरण के लिए जरूरी भी है. साथ ही ये भी कि कोबरा और किंग कोबरा में क्या अंतर हैं. (NagPanchami 2022 )
इसलिए जरूरी है किंग कोबरा का संवर्धन :हमारी खाद्य श्रृंखला में जिस तरह से शेर को एक बेहद महत्वपूर्ण और शीर्ष शिकारी माना जाता है. उसी तरह से किंग कोबरा को भी शीर्ष शिकारी(apex predator) माना जाता है. किंग कोबरा एक ऐसा सांप है, जिससे अन्य सांपों की प्रजातियां भी नियंत्रित होती हैं. जिसके कारण हमारी खाद्य श्रृंखला में किंग कोबरा की मजबूत उपस्थिति बेहद जरूरी हो जाती है. इस लिहाज से भी किंग कोबरा का संरक्षण व संवर्धन महत्वपूर्ण हो जाता है. कोबरा कई प्रजाति के होते हैं लेकिन किंग कोबरा अपनी ही प्रजाति के सांपों को भी खा जाता है या खेतों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट पतंगों के साथ अन्य सांपों को खाकर उनकी जनसंख्या को भी नियंत्रित करता है. किंग कोबरा एक ऐसा सांप है जो सांपों के लगभग हर प्रजाति को नियंत्रित करता है और पर्यावरण का संतुलन बनाने में सहायता करता है.
जहरीला होने के बाद भी किंग कोबरा कोल्ड ब्लडेड होते हैं. जब इन्हें खतरा महसूस होता है, तभी वह दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं. किंग कोबरा का एक मिलीग्राम जहर भी किसी व्यक्ति की जान लेने के लिए काफी है. किसी को काटते वक्त यदि किंग कोबरा ने अपना जहर शिकार के शरीर में पहुंचा दिया तो मौत निश्चित है.
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लेमरू में देखे गए हैं किंग कोबरा: कोरबा के लेमरू इलाके में कुछ ऐसे इलाके हैं. जहां नियमित अंतरालों पर किंग कोबरा को देखा गया है. इन क्षेत्रों में अलग-अलग समय में कई बार किंग कोबरा को देखा और रेस्क्यू किया गया है. एक किंग कोबरा तो लगभग 15 फीट लंबा था. ग्रामीणों ने जब इसे देखा तब उनके हाथ पांव फूल गए, वन विभाग के सदस्य और रेस्क्यू टीम के जितेंद्र सारथी ने इस किंग कोबरा का रेस्क्यू किया था. जिसे बाद में जंगल में छोड़ दिया गया.
बेहद खूबसूरत और नायाब सांप है किंग कोबरा: स्नेक रेस्क्यू टीम के जितेंद्र सारथी कहते हैं "पिछले चार-पांच सालों से सांपों का रेस्क्यू करने का काम कर रहे हैं. लेकिन पिछले 2 से 3 साल के दौरान लेमरू वाले बेल्ट में किंग कोबरा की उपस्थिति से हम सभी बेहद उत्साहित हैं. यह कोरबा के जैव विविधता को समृद्ध बनाते हैं. कोरबा जिले की जैव विविधता अब जानकारों के बीच एक चर्चा का विषय है. किंग कोबरा के रहवास के सर्वे वाली टीम में मैं भी शामिल था. इस दौरान भी हमने कई किंग कोबरा को देखा और उन इलाकों को चिन्हित भी किया है. बस उम्मीद यही है कि अब जल्द से जल्द इनका रहवास विकसित हो. जिससे कि वे सुरक्षित तरीके से अपने घर में रह सकें. किंग कोबरा एक ऐसा सांप है जिससे अन्य सांपों की प्रजातियां भी नियंत्रित होती है. इसलिए पर्यावरण में किंग कोबरा की उपस्थिति और भी जरूरी हो जाती है. यह सबसे जहरीले तो होते ही हैं इसके साथ ही बेहद खूबसूरत और नायाब सांप हैं. "