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जांजगीर बोरवेल हादसे के बाद कोरबा जिला प्रशासन क्यों कर रहा बैठक

कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने गुरुवार को निर्माण एजेंसियों, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक ली और गांव और शहर में खुले बोरवेल बंद करने के निर्देश दिए.

Korba Collector Ranu Sahu instructed close open borewells
जांजगीर बोरवेल हादसे से सबक

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Published : Jun 16, 2022, 10:29 AM IST

कोरबा:जांजगीर जिले के पिहरीद गांव में बोरवेल में गिरे राहुल को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. इलाज जारी है. अब कहीं और इस तरह की घटना का दोहराव ना हो इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी जिला प्रशासन को अलर्ट किया हुआ है. कोरबा में प्रशासन स्तर से सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. कलेक्टर रानू साहू ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में खुले हुए और अनुपयोगी बोरवेल्स को तत्काल बंद करने के निर्देश दिये हैं. (Korba Collector Ranu Sahu instructed close open borewells )

गांववार बोरवेल्स की जानकारी जुटाने को कहा :समय-सीमा की समीक्षा बैठक में कलेक्टर साहू ने खुले हुए बोरवेल्स के कारण किसी अनहोनी या दुर्घटना होने की संभावना को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है. बोरवेल्स को बंद करने के निर्देश अधिकारियों को दिये है. कलेक्टर ने जिले में गांववार सर्वे कर खुले बोरवेल्स का पता लगाने और उन्हे बंद करने के निर्देश सभी निर्माण एजेंसियों, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिये हैं. (Lessons from Janjgir borewell accident)

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बोरवेल्स का पता लगाकर मांगी रिपोर्ट:कलेक्टर ने कहा कि "जिले में जहां कहीं भी खुले या ऐसे बोरवेल जिनका उपयोग अब नहीं किया जा रहा है. उनका पता लगाकर तुरंत उन्हें बंद कराए. ताकि जांजगीर जैसी घटना के दोबारा होने की संभावना भी ना रहे.

कितने खुले बोरवेल फिलहाल इसका पता नहीं :हालांकि जिले में वर्तमान में खुले बोरवेल के संख्या क्या है? इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. औद्योगिक जिला होने के कारण कोरबा में भूमिगत जल का उपयोग भी बड़े पैमाने पर होता है. जिससे खुले बोरवेल के मौजूद होने की संभावना भी है. कलेक्टर ने अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांगी है. (Number of borewells open in Korba)

बता दें कि जांजगीर के पिहरीद गांव में 11 साल का बच्चा खेलते-खेलते घर के ही बोरवेल में गिर गया था. जिसे 5 दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया. राहुल फिलहाल अपोलो अस्पताल में है जहां उसका इलाज चल रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने राहुल के इलाज और पढ़ाई की जिम्मेदारी ली है.

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