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Agnipath scheme controversy : क्या है योजना को लेकर भूतपूर्व सैनिकों की राय ? - korba Agnipath scheme controversy

देशभर में अग्निपथ को लेकर हो रही बयानबाजी और प्रदर्शन को लेकर समाज की अलग-अलग राय है.वहीं भूतपूर्व सैनिक भी इस योजना को लेकर एकमत में नहीं (korba Agnipath scheme controversy) हैं.

korba Agnipath scheme controversy
क्या है योजना को लेकर भूतपूर्व सैनिकों की राय

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Published : Jun 18, 2022, 12:11 PM IST

Updated : Jun 18, 2022, 1:25 PM IST

कोरबा :केंद्र सरकार द्वारा लांच की गई अग्निपथ योजना का देशभर में विरोध हो रहा (Agnipath scheme controversy)है. तो इसके समर्थन में भी अभियान चल रहा है. सेना में 4 साल तक सेवा देने वाली इस योजना के विषय में पूर्व सैनिक क्या सोचते हैं, ईटीवी भारत ने यह जानने की कोशिश की है. कोरबा के भूतपूर्व सैनिकों के संगठन से जुड़े पूर्व सैनिकों ने इस योजना के फायदे और नुकसान बताए हैं. किसी ने इस योजना को युवाओं के जीवन में अनुशासन लाने वाला माना, तो किसी ने कहा कि हथियारों की ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद युवा गलत रास्ते पर भी जा सकते हैं.

अग्निपथ योजना को लेकर भूतपूर्व सैनिकों की राय
युवा सीखेंगे अनुशासन :जिले के डींगापुर में रहने वाले दीपक कुमार सिंह ने 20 साल तक सेना में सेवा दी है. वह नायब सूबेदार के पद से रिटायर हुए हैं.इस दौरान जम्मू कश्मीर से लेकर अलग-अलग स्थानों पर तैनात रहे.अग्निपथ योजना के विषय में दीपक कहते हैं कि "जिस युवावस्था में युवा पथभ्रष्ट होकर गलत रास्ते पर चले जाते हैं. उस उम्र में उनके पास एक अवसर रहेगा कि वह सेना को अपनी सेवा दे सकते हैं.तो दूसरी तरफ सेना के पास भी यह मौका रहेगा कि 4 साल की सेवा के दौरान उन्हें युवाओं की योग्यता का आकलन हो जाएगा. जिसके आधार पर ही वह युवाओं को आगे मौका देंगे. केंद्र सरकार की इस तरह की भावना भी हो सकती है कि वह युवा में देशभक्ति की भावना जागृत करना चाहते हों. इसके साथ युवा जब फौज में नौकरी (agneepath yojana protest ) करेंगे. तब वह अनुशासन में ढल जाएंगे. उनका पूरा जीवन अनुशासित हो जाएगा.''गलत रास्ते पर जाने का भी डर : शहर के निहारिका क्षेत्र में निवासरत भूतपूर्व सैनिक रामकुमार सिंह राठौर सेना से रिटायर हो चुके हैं. राठौर अग्निपथ योजना के सवाल पर कहते हैं कि "भूतपूर्व सैनिक होने के नाते मैं कहना चाहूंगा कि सरकार को इस योजना के बारे में पहले तो पुनर्विचार करना चाहिए. जो युवा 4 साल तक हथियारों के सानिध्य में रहेंगे इसे चलाना सीख लेंगे, फिर वह इस ट्रेनिंग का गलत उपयोग भी कर सकते हैं. जो कि बेहद आपत्तिजनक हो सकता है. यह योजना बहुत ही गलत है, जो एक्स सर्विसमैन की कैटेगरी में मौजूद हैं. उनकी तादाद पहले ही काफी ज्यादा है. अब 4 साल के लिए युवाओं को नौकरी देने के बाद उसके बाद फिर से नौकरी कहां से पैदा होगी. इससे युवा भटकेंगे. यह योजना युवाओं के साथ सिर्फ और सिर्फ छलावा (korba Agnipath scheme controversy )है. जिसे सीधे तौर पर लागू करने से बचना चाहिए. केंद्र सरकार चाहे तो ट्रायल के तौर पर इसे पहले लागू करें. लेकिन इस योजना को लागू करने से हर हाल में बचना ही चाहिए.क्या है अग्निपथ योजना: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को ‘अग्निपथ’ नाम की योजना शुरू करने की घोषणा की. इसमें चार साल के लिए सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती होगी. योजना के तहत चुने गए युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा और इस साल करीब 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल करने की योजना है. हालांकि केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों में अग्निपथ योजना के खिलाफ असंतोष नजर आया (agneepath scheme for army recruitment) है.ये भी पढ़ें: अमेरिका-ब्रिटेन-रूस की सेनाओं की तर्ज पर है अग्निपथ योजना, युवाओं को भड़का रहा विपक्षः अजय भट्ट



‘अग्निपथ’ योजना में क्या होगा:केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.

Last Updated : Jun 18, 2022, 1:25 PM IST

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