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कोरबा: 159 क्वॉरेंटाइन सेंटर में 4 हजार से ज्यादा मजदूर, लगातार बढ़ रही संख्या - व्यवस्था बनी चुनौती

कोरबा में प्रवासी मजदूरों की लगातार संख्या बढ़ती जा रही है. जिले के 159 क्वॉरेंटाइन सेंटर में 4 हजार से ज्यादा मजदूरों को रखा गया है. मजदूरों को रखना अब प्रशासन के लिए चुनौती बनती जा रही है.

लगातार बढ़ रही प्रवासी मजदूरों की संख्या

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Published : May 30, 2020, 2:00 PM IST

Updated : Jun 1, 2020, 10:18 AM IST

कोरबा: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले में बाहर से आए प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों के ठहरने के लिए प्रशासन ने 159 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं, जहां 4 हजार से ज्यादा लोग ठहरे हुए हैं.

मजदूरों को खाना परोसते कर्मचारी

वहीं प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है जिससे क्वॉरेंटाइन सेंटरों में लगातार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिनके लिए व्यवस्था बना पाना प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. जिले के पांचों विकासखंडों में बनाए गए 159 क्वॉरेंटाइन सेंटरों में 4 हजार 277 लोगों को ठहराया गया है. इन सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.

मजदूरों के लिए बन रहा खाना

प्रशासन ने श्रमिकों को सुविधा देने का किया दावा

क्वॉरेंटाइन सेंटर में सभी श्रमिकों की नियमित स्वास्थ्य जांच भी करवाई जा रही है. क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में जिले में शासकीय स्कूल, छात्रावास भवन और सामुदायिक भवनों को विकसित किया गया है. प्रशासन का दावा है कि क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रहने वाले श्रमिकों को खाने-पीने के साथ-साथ बिजली, पंखे, शौचालय, सैनिटाइजर और मास्क आदि की सुविधा मुहैया कराई जा रही है.

ग्रामीण क्षेत्रों में 115 क्वॉरेंटाइन सेंटर

ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 115 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. जिसमें कोरबा विकासखंड में 12, करतला में 16, कटघोरा में 31, पाली में 34 और पोड़ीउपरोड़ा विकासखंड में 22 क्वॉरेंटाइन सेंटर संचालित है. इन सेंटरों में 2 हजार 963 लोगों को ठहराया गया है. इधर शहरी क्षेत्र में कुल 44 सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें 1 हजार 314 लोगों को ठहराया गया है. वहीं क्वॉरेंटाइन श्रमिकों को सुबह-शाम चाय-नाश्ता, दोपहर और रात का खाना दिया जा रहा है.

लगातार मिल रही शिकायतें

जिले के गोपालपुर में क्वॉरेंटाइन सेंटर में बासी खाना मिलने की शिकायत और हंगामे के बाद मजदूरों को दूसरे क्वॉरेंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया गया था. इसके बाद सिरमिना के क्वॉरेंटाइन सेंटर में भी मारपीट की जानकारी सामने आई थी. इसी तरह कुछ पेड क्वॉरेंटाइन सेंटर ऐसे भी हैं, जहां प्रतिदिन का किराया 700 से लेकर 1000 रुपये के बीच है, लेकिन व्यवस्थाएं रकम के अनुरूप नहीं हैं.

श्रमिकों का रखा जा रहा पूरा ख्याल

कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि क्वॉरेंटाइन किए गए सभी श्रमिकों को गरम नाश्ता, भोजन और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के साथ ही उनके स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए भोजन, नाश्ता दिया जा रहा है. प्रत्येक सेंटर में सभी श्रमिकों का मेडिकल टीम की तरफ से नियमित सुबह-शाम हेल्थ चेकअप भी किया जा रहा है.

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सर्दी-खांसी या अन्य स्वास्थ्य समस्या होने पर उनका इलाज भी किया जाता है. नोडल अधिकारी सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों का निरीक्षण करते हैं. इसके साथ ही सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को भी विशेष रूप से मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं. क्वॉरेंटाइन सेंटरों के हर दिन के स्थिति की जानकारी रिपोर्ट भेजी जाती है. जहां किसी तरह की असुविधा हो रही हो, उसे संज्ञान में लेकर तुरंत ठीक किया जा रहा है.

Last Updated : Jun 1, 2020, 10:18 AM IST

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