कोरबा :शुक्रवार को देश भर में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया था. कोरबा में भी इसका असर देखने को मिला. जिले के किसानों ने धारा 144 प्रभावशील होने के बाद भी प्रदर्शन किया. वामदल के नेताओं ने जिले के पश्चिम क्षेत्र में 40 मिनट तक चक्काजाम किया. तहसीलदार की समझाइश के बाद आंदोलन खत्म किया गया.
जिले में छत्तीसगढ़ किसान सभा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में गेवरा बस्ती चौक के पास चक्का जाम किया. किसान सभा से जुड़ें कार्यकर्ताओं ने सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का कानून बनाने, पेट्रोल-डीजल-गैस की कीमतों को आधा करने, मजदूर विरोधी श्रम संहिता को वापस लेने और बैंक-बीमा-कोयला-रेलवे जैसे देश के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के निजीकरण की मुहिम पर रोक लगाने की मांग पर भारत बंद का समर्थन किया.
भारत बंद : रेल, सड़क परिवहन के प्रभावित होने की संभावना
सड़क पर लगा जाम
सैकड़ों किसानों ने गेवरा बस्ती चौक में किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, सीटू नेता वीएम मनोहर, आबिद हुसैन के नेतृत्व में चक्का जाम किया. जाम की वजह से मुख्य मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई. किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पराते भी चक्काजाम में शामिल हुए. दीपका नायब तहसीलदार शशीभूषण सोनी की समझाइश के बाद प्रदर्शन खत्म हुआ.
28 मार्च को होलिका दहन कर करेंगे प्रदर्शन
किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पराते ने कहा है कि 'हमारे देश के किसान न केवल अपने जीवन-अस्तित्व और खेती-किसानी को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, बल्कि वे देश की खाद्यान्न सुरक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी लड़ रहे हैं.' पराते ने कहा कि 'उनका संघर्ष अर्थव्यवस्था के कॉपरेटकरण के खिलाफ भी हैं, जो नागरिकों के अधिकारों और उनकी आजीविका को तबाह कर देगा.' किसान नेताओं ने बताया कि इस आंदोलन के अगले चरण में 28 मार्च को तीनों कृषि कानूनों और श्रम संहिता की होली जलाई जाएगी. प्रदर्शन में दीपक साहू, शेख बच्चा, संजय, रविन्द्र भी मौजूद थे.