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विधानसभा के मानसून सत्र में आम लोगों का प्रवेश रहेगा वर्जित: चरणदास महंत

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Published : Jul 23, 2021, 8:24 PM IST

कोरबा में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत(Assembly Speaker Charandas Mahant) ने अपने पिता बिसाहू दास महंत (bisahu das mahant) की पूण्यतिथि पर उन्हें याद किया. इस दौरान महंत ने विधानसभा की कार्यवाही को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी भी दी.

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चरणदास महंत

कोरबा :स्वर्गीय बिसाहू दास महंत की 43वीं पुण्यतिथि पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत (Assembly Speaker Charandas Mahant) ने उनकी मूर्ति की पूजा अर्चना की. जिले के घंटाघर में स्थित बिसाहू दास महंत उद्यान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान कई कांग्रेस नेता भी वहां पर मौजूद थे. कार्यक्रम के बाद चरणदास महंत ने विधानसभा की कार्यवाही को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बार वैक्सीनेटेड विधायकों को ही सदन में प्रवेश दिया जाएगा. सदन में आम लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा.

मानसून सत्र पर महंत का बयान

विधानसभा सत्र के संचालन के विषय में विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि मानसून सत्र का संचालन बढ़िया तरीके से हो इसके लिए प्रयास किया जा रहा है. सबसे पहला नियम यह बनाया गया है कि सभी विधायक वैक्सीन लेकर ही विधानसभा में प्रवेश करेंगे. जिसके पालन में सभी विधायकों ने वैक्सीन लगा लिया है. किसी ने सिंगल डोज लगाया है तो किसी का दूसरा डोज पूरा हो चुका है.

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मानसून सत्र के दौरान आम लोगों का विधानसभा में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा. सीमित संख्या में पत्रकारों को प्रवेश दिया जाएगा, लेकिन बाहर से देखने आने वालों को प्रवेश नहीं मिल सकेगा.

पेगासस से जासूसी घृणित कार्य

पेगासस से कथित जासूसी के मामले पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि किसी भी सरकार का किसी भी व्यक्ति की इस तरह से जासूसी कराया जाना बेहद घृणित कार्य है. मैं इसे बिल्कुल अनुचित कार्य मानता हूं. इस तरह का कार्य बिल्कुल भी नहीं किया जाना चाहिए.

पिता को किया याद

पिता को याद कर महंत ने कहा कि वह आज भी लोगों के बीच में जीवित हैं. लोगों के प्रति उनका समर्पण आज भी क्षेत्र के लोगों को याद है. जांजगीर-चांपा और कोरबा के अलग-अलग क्षेत्र से लोग आते हैं और उनके बारे में चर्चा करते हैं. हमारे यहां कबीर पंथ में जन्म से ज्यादा मृत्यु का महत्व होता है. ऐसा माना जाता है कि मौत के दिन मानव का परमात्मा से मिलन होता है इसलिए हम जन्मदिवस भले ही भूल जाएं, लेकिन पुण्यतिथि पर अवश्य उन्हें याद करते हैं.

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