कोरबा : जिला मुख्यालय से लगभग 25 किमी दूरी पर स्थित गांव कोरकोमा (Korkoma village of Korba ) में ग्रामीण सुख समृद्धि के लिए एक विशेष पूजा करते हैं. 2 दिन पहले गांव में यह पूजा हुई. तब गांव का बैगा होरीलाल जो झाड़ फूक जैसे कार्यों में लगा रहता है.वो अजीब व्यवहार करने लगा. ग्रामीणों की माने तो बैगा मासूम बच्ची को उठाकर जंगल की ओर ले गया था. जिसकी बलि चढ़ाने के लिए गर्दन पर हंसिया तान रखा था. इसी बीच कुछ लोगों ने उसे देख लिया और वह बलि के प्रयास में असफल हो गया. इसके अगले दिन बैगा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर (Baiga commits suicide in Korkoma village) ली.पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर कार्रवाई की है. पुलिस ने बलि या इस तरह के प्रयासों की किसी भी बात को सिरे से खारिज किया है.
कोरबा के कोरकोमा में बैगा ने की आत्महत्या, बलि देने की बात आई सामने लेकिन पुलिस का इनकार
कोरबा में एक बैगा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.लेकिन बैगा ने खुदकुशी के पहले जो किया वो चौंकाने वाला था. ग्रामीणों की माने तो बैगा ने एक दिन पहले देवी पूजा के समय एक बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद उसके गर्दन में हसिया टिकाकर जंगल की ओर भागा. लेकिन गांववालों के देख लेने के कारण उसने बच्ची को छोड़ दिया. इस घटना के एक दिन बाद उसने खुदकुशी कर ली.
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अंधविश्वास से जुड़ा है मामला :ग्रामीणों की माने तो पूजा के बाद से ही होरी लाल की मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी. होरी लाल के भाई बली राम कंवर ने बताया कि पूजा के बाद भाई अजीब हरकत कर रहा था. जिसके बाद उसने खुद ही अपने कमरे में जाकर सुसाइड कर लिया है. वह क्या करने जा रहा था? या क्या करने वाला था? इस विषय में कोई जानकारी नहीं है. वह अलग तरह का व्यवहार कर रहा था. ग्रामीणों ने कहा कि यह पूरा मामला अंधविश्वास से जुड़ा है.Korba police station