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नक्सलगढ़ में अब बच्चे पढ़ेंगे ककहरा, मोरपल्ली के स्कूल को प्रशासन ने किया गुलजार - सुकमा के मोरपल्ली गांव में स्कूल

सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्कूल का लोकार्पण किया (School rebuilt in Naxalgarh of Sukma) गया है. यहां कलेक्टर की पहल पर स्कूल बिल्डिंग दोबारा बनाई गई.

School rebuilt in Naxalgarh of Sukma
नक्सलगढ़ में अब बच्चे पढ़ेंगे ककहरा

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Published : Apr 14, 2022, 7:11 PM IST

Updated : Apr 14, 2022, 10:52 PM IST

सुकमा : लंबे समय से नक्सलवाद का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में उस वक्त यहां के मासूम बच्चों और ग्रामीणो में खुशी की लहर दौड़ गई. जब नक्सलियों के द्वारा तोड़े गए स्कूल को प्रशासन ने कई सालों बाद पक्का स्कूल भवन (School rebuilt in Naxalgarh of Sukma) बनाया. इस स्कूल भवन के बनने की बच्चों और ग्रामीणों में खुशी इस कदर देखने को मिली कि बच्चे ढोल लेकर स्कूल के बाहर बस्तरिया डांस करने लग गए. सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने भी वर्चुअल माध्यम से ग्रामीणों के साथ मिलकर भवन का उद्घाटन किया. बच्चों ने कहा कि अब हम टूटी फूटी और झोपड़ी वाली स्कूल में नहीं बल्कि पक्के स्कूल भवन में पढ़ेंगे

नक्सलगढ़ की सुखद तस्वीर

झोपड़ी में चल रहा था स्कूल :दरअसल सुकमा शहर से लगभग 50 कि.मी की दूरी पर स्थित मोरपल्ली गांव (School in Morpalli village of Sukma) पूरी तरह से नक्सलियों का गढ़ है. साल 2005 से 2010 के बीच सलवा जुडूम और नक्सलवाद की वजह से गांव वीरान सा हो गया था. गांव में जो पहले पक्के स्कूल थे. उसे भी नक्सलियो ने तोड़ दिया और कई जगह तो स्कूल ही नहीं था. लेकिन जब धीरे-धीरे थोड़े हालात सुधरने लगे तो गांव में बच्चों की पढ़ाई के लिए झोपड़ी नुमा स्कूल बनाया गया. इसी झोपड़ी में प्राइमरी के बच्चे पढ़ते थे. लेकिन इस झोपड़ी में भी शिक्षा हासिल करना आसान नहीं था. तेज बारिश में छत से पानी टपकता और टाटपट्टी गीली हो जाती थी, आंधी चलती तो छत उड़ जाता था.

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प्रशासन ने बनाई बिल्डिंग : इस गांव के ग्रामीण सुकमा कलेक्टर के पास स्कूल भवन बनाने की मांग को लेकर पहुंचे थे, कलेक्टर ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और स्कूल भवन का काम तुरंत सेंक्शन कर दिया था. हालात ऐसे थे कि गांव में भवन बनाने के लिए मैटेरियल पहुंचाना भी मुश्किल था, क्योंकि गांव तक पक्की सड़क नहीं थी. नक्सल खौफ की वजह से निर्माण काम के लिए मालवाहक वाहन चालक सामान ले जाने डरते थे, वहीं धीरे-धीरे स्कूल भवन का काम पूरा किया गया. जिसमें इलाके के लोगों ने भी अपना भरपूर सहयोग दिया.

Last Updated : Apr 14, 2022, 10:52 PM IST

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