जगदलपुर:लॉकडाउन के बाद फर्राटे से शहर में गाड़िया दौड़नी शुरू हो गई है. पुलिस प्रशासन भी सख्ती से नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर रही है. इस सीजन लोगों ने ऑटोमोबाइल्स की जमकर खरीदारी की है. जितनी तेजी से लोग गाड़ियों की डिलीवरी कर रहे हैं. उतनी ही ढिलाई लाइसेंस बनाने में बरत रहे हैं. ETV भारत की टीम ने जब इसकी वजह जानने की कोशिश की तो लोगों का कहना था कि लाइसेंस बनवाने के प्रोसेस का सरलीकरण किया जाए तो उन्हें जिस समस्या का सामना करना पड़ता है वह नहीं करना होगा और आसानी से सभी अपना ड्राइविंग लाइसेंस पा सकेंगे.
त्योहार के सीजन में शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी लोगों ने टू व्हीलर के साथ-साथ फोर व्हीलर की भी जमकर खरीदारी की है. सीजन होने की वजह से केवल नवंबर माह में ही 1250 नये वाहनों की परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन हुआ है, जिसमें टू व्हीलर वाहनों की संख्या ज्यादा है.
परिवहन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक-
- 2019 में कुल 12 हजार 893 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ.
- 2020 अप्रैल माह से 30 नवंबर तक केवल 5 हजार 719 नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ.
- 7097 नये वाहनों के रजिस्ट्रेशन में अंतर देखा जा रहा है.
- अप्रैल माह से 30 नवंबर तक केवल 2 हजार 741 लोगों ने ही अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया.
- 2019 में सिर्फ 4 हजार लोगों ने लाइसेंस बनवाया था.
शहर और ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए उन्हें कई बार परिवहन विभाग के चक्कर काटने पड़ते हैं. एजेंट सक्रिय होने की वजह से कई लोग ज्यादा कीमतों पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को मजबूर हुए हैं. विभाग के अधिकारियों की उदासीनता की वजह से वे ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए परिवहन कार्यालय जाने से भी हिचकते हैं. युवाओं का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में सरलीकरण किए जाए. लाइसेंस बनाने के लिए जागरूक होंगे और उन्हें बेवजह यातायात पुलिस की चालानी कार्रवाई का शिकार नहीं होना पड़ेगा.
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RTO में एजेंट सक्रिय