जगदलपुर : गर्मी का मौसम नजदीक आते ही जगदलपुर शहर के कई वार्डों में जल संकट का खतरा मंडराने लगा है. शहर के 48 वार्डों में से 8 से 10 वार्ड ऐसे हैं जहां लोगों को पेयजल की समस्या से लंबे समय से जूझना पड़ रहा है. बावजूद इसके जिम्मेदार इनकी सुध नहीं ले रहे हैं. शहर का जवाहर नगर वार्ड सबसे ज्यादा जल संकट से प्रभावित क्षेत्र है. पानी की एक-एक बूंद के लिए वार्डवासियों को तरसना पड़ता है. ठंड के मौसम में ही यहां पानी की व्यवस्था नहीं हो पाने की वजह से वार्डवासियों को कई किलोमीटर पैदल चलकर पीने का पानी लाना पड़ता है. मेटगुड़ा और रेलवे कॉलोनी से लगे वार्ड में भी लोगों को पीने के पानी के लिए सबसे ज्यादा जूझना पड़ता है.
बस्तर में पानी के लिए तरस रहे लोग जगदलपुर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 48 वार्डों में कुछ वार्डों को निगम की ओर से ड्राई जोन घोषित किया गया है. इन जगहों पर टैंकर से पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है. निगम के मुताबिक शहर का महाराणा प्रताप वार्ड ड्राई जोन के अंतर्गत आता है. पथरीला इलाका होने की वजह से यहां बोर कई बार फेल हो जाते हैं. वार्डवासियों को पेयजल टैंकर के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है. ऐसी ही समस्या शहर के अन्य वार्ड में भी है. - रेलवे कॉलोनी वार्ड
- अम्बेडकर वार्ड
- गांधी वार्ड
- जवाहर नगर वार्ड
इन वार्डों में पानी की समस्या से लंबे समय से वार्डवासी जूझ रहे हैं. जवाहर नगर वार्ड के लोगों का कहना है कि पेयजल के लिए उन्हें तरसना पड़ता है. बोर नहीं किए जाने से पानी की सबसे अधिक समस्या है. दूसरे वार्ड से आधे घंटे के लिए पानी तो सप्लाई की जाती है, लेकिन पानी की धार काफी धीमी रहती है. टैंकर भी 4 से 5 दिनों में एक ही बार पहुंचता है और वह पानी वार्डवासियों को पीने के लिए पर्याप्त नहीं हो पाता है. इस वार्ड के लोगों को दूसरे वार्डो में या काफी दूर पैदल चलकर पेयजल लाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
टैंकर से नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी पानी और लाइट की समस्या से परेशान
वार्डवासियों का कहना है कि उनके वार्ड में पानी की समस्या के साथ-साथ लाइट की भी बड़ी समस्या है. वार्ड में स्ट्रीट लाइट नहीं होने की वजह से अंधेरा होते ही वहां चोरी का डर सताने लगता है. कई घरों में भी लाइट का कनेक्शन तक नहीं है. पानी के लिए कई बार निगम के दफ्तर जाकर गुहार लगाने के बावजूद भी वहां उनकी कोई सुनवाई नहीं होती. लिहाजा एक घघरी पानी उन्हें दो से तीन दिन तक चलाना पड़ता है. नलों से पानी नहीं आने की वजह से पूरी तरह से टैंकरों पर आश्रित होना पड़ता है.
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कई बार कर चुके हैं शिकायत
वार्ड के पार्षद का कहना है कि उन्होंने भी कई बार लिखित में निगम के आयुक्त, बस्तर कलेक्टर को पेयजल की समस्या से निजात दिलाने के लिए पत्र लिखा है. बावजूद कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनके इस पत्र की सुध नहीं ले रहे हैं. सामान्य सभा के साथ ही अधिकारियों को लिखित में देने के बावजूद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है. पार्षद का कहना है कि प्रदेश में और जगदलपुर निगम में कांग्रेस की सरकार है और उन्होंने चुनावी वादा भी किया था कि वार्डवासियों की मूलभूत सुविधा को प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन आलम यह है कि, न ही उनके वार्ड में बोर किया गया है और ना ही नल से पानी की सही तरीके से सप्लाई की जा रही है.
टैंकर भगवान भरोसे
पार्षद का कहना है कि गर्मी के दिनों में और भी स्थिति बदतर होने वाली है. चूंकि कई जगह बोर फेल हो जाने से वहां टैंकरों से पानी की सप्लाई की जाती है और ऐसे में यहां टैंकर का आना भगवान भरोसे है. उन्होंने कहा कि जल्द ही वे निगम प्रशासन का इस ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए वार्डवासियों के साथ निगम कार्यालय का आने वाले दिनों में घेराव करेंगे.
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पेयजल की समस्या से निपटने के लिए निगम तैयार
निगम के महापौर का कहना है कि पेयजल समस्या से निपटने के लिए निगम पूरी तरह से तैयार है. शहर के 48 वार्डों के लिए निगम के पास 28 टैंकर है और दो 407 वाहन हैं. महापौर का कहना है कि उन्होंने अपनी निधि से और विधायक निधि से कई वार्डों में बोर भी कराया है. शहर में एक या दो जगह ही ड्राईजोन की समस्या है. जबकि हर जगह और निचली बस्तियों में टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई समय पर की जाती है और उनके शहर में पेयजल की कोई समस्या नहीं है.
जिम्मेदार निगम के जनप्रतिनिधि भी वर्षों से इस पेयजल की समस्या से जूझ रहे वार्डवासियों को नजरअंदाज करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं. एक तरफ निगम की महापौर दावा कर रही हैं कि शहर में पेयजल की कोई समस्या नहीं है. दूसरी ओर पेयजल की समस्या के लिए शहर के कुछ वार्डवासी जल्द ही निगम का घेराव करने वाले हैं.