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Published : May 25, 2019, 8:12 PM IST

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झीरम घाटी हमला : चुनाव से पहले भुनाया, चुनाव के बाद भुलाया

झीरम की छठवीं बरसी पर कांग्रेस नेताओं ने श्रद्धांजलि दी, लेकिन दुख की इस घड़ी में बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, बस्तर के नवनिर्वाचित सांसद दीपक बैज और जिला कांग्रेस कमेटी के कई पदाधिकारी मौजूद नहीं थे.

श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे कवासी लखमा और दीपक बैज

जगदलपुर : 25 मई 2013 वो दिन था जब कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेताओं को खो दिया था. झीरम हमले के 6 साल बीतने के बाद भी लोग इस नक्सल हमले को भूल नहीं पाए हैं, लेकिन कांग्रेस के मंत्री और नेता दुख की इस घड़ी में शामिल होकर श्रद्धांजलि देना भी जरूरी नहीं समझे. ये वहीं मंत्री हैं जिन्होंने विधानसभा से लोकसभा चुनाव तक इस संवेदनशील विषय को राजनीतक मुद्दा बनाकर खूब भुनाया और चुनाव खत्म होते ही इसे भुला दिया.

श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे कवासी लखमा और दीपक बैज

इस घटना में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 31 लोगों को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया था. कांग्रेस भवन में जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी.

कवासी लखमा और दीपक बैज नहीं थे मौजूद
झीरम की छठवीं बरसी पर कांग्रेस नेताओं ने श्रद्धांजलि दी, लेकिन दुख की इस घड़ी में बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, बस्तर के नवनिर्वाचित सांसद दीपक बैज और जिला कांग्रेस कमेटी के कई पदाधिकारी मौजूद नहीं थे.

'अपने जिले में दे रहे श्रद्धांजलि'
मंत्री और पदाधिकारी के श्रद्धांजलि नहीं देने के सवाल पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि, पीसीसी के निर्देशानुसार सभी कांग्रेसियों को ब्लॉक और जिला वाइज श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने के आदेश थे इसलिए बस्तर के सभी कांग्रेसी नेता अपने-अपने जिले में शहीद कांग्रेसियों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, 'भीमा मंडावी की मौत की जांच एनआईए द्वारा किये जाने की बात का हम समर्थन करते हैं. इस घटना की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए'.

'फाइल नहीं सौंपने की वजह से हो रही लेटलतीफी'
जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि, 'सत्ता आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना के पीछे षड़यंत्र रचने वालों के खिलाफ व शहीद कांग्रेसियों को इंसाफ दिलाने के लिए एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन एनआईए द्वारा एसआईटी को फाइल नहीं सौंपने की वजह लेटलतीफी हो रही है. जांच नहीं होने की वजह से इस घटना के षड़यंत्रकारी बेनकाब नहीं हो पा रहे हैं'. उन्होंने कहा कि, 'मुख्यमंत्री के बस्तर प्रवास के दौरान जल्द से जल्द इस घटना के मास्टरमाइंड के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग मुख्यमंत्री से की जाएगी'.

'स्व. महेंद्र कर्मा की प्रतिमा बनाई जा रही'
झीरम हमले में दिवंगत नेताओं के अब तक स्मारक नहीं बनने के सावल पर कहा कि, 'शहर में नगर निगम द्वारा बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की प्रतिमा बनाई जा रही है. इसका अनावरण कुछ दिनों में मुख्यमंत्री की ओर से किया जाएगा'.

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