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परीक्षा न ले सरकार, भूमकाल दोहरा सकते हैं आदिवासी: अजीत जोगी

अजीत जोगी ने किरंदुल में स्थित एनएमडीसी लौह अयस्क के 13 नंबर डिपॉजिट को अडानी को बेचे जाने के विरोध में कहा कि इतिहास गवाह है जरूरत पड़ने पर आदिवासी भूमकाल दोहरा सकते हैं.

अजीत जोगी

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Published : Jun 10, 2019, 5:20 PM IST

जगदलपुर : दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल में स्थित एनएमडीसी लौह अयस्क के 13 नंबर डिपॉजिट को अडानी को बेचे जाने के विरोध में पिछले 4 दिनों से हजारों की संख्या में धरना प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों के समर्थन में बीते 3 दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के सुप्रीमो अजीत जोगी बस्तर दौरे पर हैं.

अजीत जोगी का अडानी पर बयान

आज जगदलपुर में अजीत जोगी ने कहा कि दोनों सरकार की मिलीभगत से इस खदान को बेचे जाने की साजिश रची जा रही है. चूंकि 13 नंबर के पहाड़ी पर आदिवासियों के कुलदेवता नंदराज का मंदिर है बावजूद इसके आदिवासियों के धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के लिए दोनों सरकार मिलीभगत कर इस खदान को अडानी को बेचने के फिराक में है.

'फैसले को निरस्त कर देना चाहिए '

जोगी ने कहा कि तत्काल इस फैसले को निरस्त कर देना चाहिए वरना आने वाले दिनों में होने वाली हिंसात्मक लड़ाई की जिम्मेदार सरकार होगी.

'मिलीभगत से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई'

जोगी ने भूपेश सरकार और वन मंत्री मोहम्मद अकबर पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ही मंत्री के मिलीभगत से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई है. राज्य सरकार चाहे तो इसके लिए एमओयू से विड्रॉ कर सकती थी लेकिन भूपेश सरकार भी अडानी से मिली हुई है. जोगी ने कहा कि इस वन कटाई के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और पिटीशन दायर करेंगे.

'4 दिनों से धरना प्रदर्शन पर बैठे हजारों आदिवासी'
इसके अलावा जोगी ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार पिछले 4 दिनों से धरना प्रदर्शन पर बैठे हजारो आदिवासियों की परीक्षा ले रही है. लेकिन जिस दिन आदिवासियों का सब्र का बांध टूटेगा, तो एक हिंसात्मक लड़ाई हो सकती है और बस्तर में भूमकाल दोबारा दोहराया जा सकता है. आदिवासी कानून अपने हाथ में लेते हुए हिंसात्मक लड़ाई लड़ सकते हैं. हालांकि इस लड़ाई से आदिवासियों को नुकसान होगा क्योंकि उनके पास पारंपरिक हथियार है तो पुलिस के पास अत्याधुनिक हथियार हैं. ऐसे में आदिवासियों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इससे पहले कि आदिवासियों और प्रशासन के बीच हिंसक लड़ाई हो दोनों सरकारों को आदिवासियों के हित में इस टेंडर को निरस्त कर देना चाहिए.

'राज्य सरकार में कुछ आदिवासी संवेदनशील मंत्री'
अडानी को खदान बेचे जाने के विरोध में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस द्वारा कोर्ट जाने के सवाल पर अजीत जोगी ने कहा कि राज्य सरकार में कुछ आदिवासी संवेदनशील मंत्री हैं जो आदिवासियों के समस्याओं से अच्छी वाकिफ है. उनसे उम्मीद है कि वह इस एमओयू को विड्रॉ करा सकते हैं. कवासी लखमा बस्तर से ही हैं और प्रदेश के उद्योग मंत्री हैं और वह मेरे साथ काफी लंबे समय तक रह चुके हैं ऐसे में उनसे उम्मीद है कि वे आदिवासियों के धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाएंगे और इस टेंडर को निरस्त करवाएंगे.

'उद्योग मंत्री कवासी लखमा कनाडा दौरे में'
अजीत जोगी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि फिलहाल उद्योग मंत्री कवासी लखमा कनाडा दौरे में है और वह ऑटोमोबाइल की फैक्ट्री देखने गए हुए हैं. जबकि छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल के लिए दूर-दूर तक कोई उम्मीद नहीं है. कनाडा में ऑटोमोबाइल का नट बोल्ट तक नहीं बनता और अगर ऑटोमोबाइल सेक्टर की उन्हें जानकारी लेनी ही थी तो उन्हें जर्मनी या चीन जाना चाहिए था.

'नक्सलवाद बढ़ने का मुख्य कारण बस्तर में सलवा जुडूम'
उन्होंने नक्सलवाद के मुद्दे पर कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे. तब बस्तर में नक्सलवाद की समस्या कम था. लेकिन 2003 से लेकर आज तक नक्सलवाद बस्तर में तेजी के साथ बढ़ा है और यही वजह है कि बड़ी संख्या में यहां पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात है. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद बढ़ने का मुख्य कारण बस्तर में सलवा जुडूम है और मेरा शुरू से यही मानना है कि बंदूक का रास्ता छोड़कर नक्सलवाद का बातचीत से समाधान करना चाहिए, लेकिन वर्तमान सरकार भी पुरानी सरकार की तरह है. नक्सलवाद की समस्या पर दोनों का एक ही मत है. इसके अलावा उपचुनाव और नगरी निकाय चुनाव को लेकर अजीत जोगी ने कहा कि दोनों चुनाव में वे अपने पार्टी के प्रत्याशी को बिना किसी से गठबंधन किये उतारेंगे

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