बस्तर : नक्सलवाद का दंश झेल रहे दरभा ब्लॉक के चांदामेटा गांव (Chandameta village of Darbha block ) की तस्वीर अब शायद बदल जाए. आजादी के 75 साल बाद गांव की जमीन पर किसी प्रशासनिक अमले ने जनचौपाल लगाकर लोगों की सुध ली. इस गांव में मूलभूत सुविधाएं क्या होती है, किसी को नहीं मालूम. सड़क, पानी, बिजली और स्वास्थ्य सुविधा सिर्फ गांव के लोगों के लिए कुछ शब्द हैं. लेकिन ये होते कैसे हैं, इस गांव के लोगों को नहीं मालूम. विकास की बातें करने वाले जनप्रतिनिधियों ने भी अब तक इस गांव पर अपनी कृपा नहीं बरसाई है.
क्यों नहीं पहुंची गांव में सुविधा :चांदामेटा के ग्रामीणों तक शासन की योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है. नक्सलियों की मौजूदगी की वजह से इस गांव के सैकड़ों ग्रामीण सुविधाओं से महरूम हैं. लेकिन गुरुवार को पहली बार बस्तर कलेक्टर रजत बंसल (Bastar Collector Rajat Bansal ) और जिले के एसपी जितेंद्र सिंह मीणा समेत जिला प्रशासन की पूरी टीम इस घोर नक्सल प्रभावित चांदामेटा गांव पहुंची. यहां जन समस्या निवारण शिविर चौपाल लगाया गया. गांव में पहली बार लगे इस जन चौपाल में चांदामेटा गांव के सैकड़ों ग्रामीण पहुंचे . बस्तर कलेक्टर को एक-एक कर अपनी समस्या बताई. इस दौरान बस्तर कलेक्टर ने उनकी सभी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया.
ग्रामीणों में दौड़ी खुशी की लहर :घोर नक्सल प्रभावित चांदामेटा गांव में पहली बार प्रशासन की टीम को देखकर स्थानीय ग्रामीणों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा. प्रशासन की टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम भी इस जनचौपाल में मौजूद थी. इस दौरान ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उन्हें दवाईयां भी दी गई.