दुर्ग : इन दिनों गर्मी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है.लोग गर्मी से बेहाल हैं. इस गर्म हवा और बढ़ती गर्मी के जिम्मेदार भी हम इंसान ही हैं. अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और कांक्रीट के जंगल ने इंसानों का सुकून (impact of tree cutting on the environment) छीना है. जितनी तादाद में पेड़ कटते हैं, उतनी तादाद में शायद ही नए पेड़ लगाने के बारे में कोई सोचता होगा. लेकिन देश में कुछ ऐसे प्रकृति प्रेमी अब भी हैं, जो पेड़ों की अपने बच्चों की तरह देखरेख करते हैं.
भिलाई के पर्यावरण प्रेमी बने मिसाल : पूरे देश को स्टील सप्लाई करने वाले भिलाई में एक प्रकृति प्रेमी रहते हैं. इनका नाम है बालूराम वर्मा. बालूराम वर्मा भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर्ड कर्मचारी हैं. रिटायर होने के बाद बालूरामवर्मा ने घर बैठना मुनासिब नहीं समझा. अपना समय प्रकृति को देने का फैसला लिया. बालूरामने देखा कि भिलाई में पौधे पनप नहीं रहे हैं. उन्होंने पौधों को बचाने का बीड़ा (Nature lover of Bhilai became an example ) उठाया. 1983 से बालूरामने पौधे लगाने शुरू किए. पौधों को नुकसान ना हो इसलिए वो साड़ियों से ट्री गार्ड बनाकर उन्हें सुरक्षा भी देते हैं. अब तक बालूरामने 10 हजार से ज्यादा पेड़ लगाए हैं. वहीं 1 हजार से ज्यादा पौधों को सुरक्षित किया है.