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ठेका श्रमिकों का हल्लाबोल, पुलिस और फोर्स के साथ हुई झूमाझटकी - भिलाई में सीआईएसएफ ने आंदोलकारियों को रोका

भिलाई इस्पात संयंत्र के ठेका श्रमिकों ने मैनेजमेंट के खिलाफ मोर्चा खोला है. ठेका श्रमिकों ने इस्पात भवन का घेराव करने की कोशिश की लेकिन पुलिस और फोर्स ने उन्हें रोक (Contract workers clash with police in bhilai) दिया.

Contract workers clash with police
ठेका श्रमिकों का हल्लाबोल पुलिस के साथ हुई झूमाझटकी

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Published : May 25, 2022, 7:49 PM IST

भिलाई :अपने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन (Hindustan Steel Contract Workers Union) ने इक्विपमेंट चौक पर धरना प्रदर्शन किया. मांग पूरा नही किए जाने पर प्रदर्शनकारियों ने इस्पात भवन का घेराव करने की कोशिश की. लेकिन पहले से मौजूद सीआईएसएफ के दस्ते ने इन्हें रोकने का प्रयास किया. जिसके बाद दोनों ही पक्षों में झूमाझटकी हुई.

ठेका श्रमिकों का हल्लाबोल पुलिस और फोर्स के साथ हुई झूमाझटकी

क्या हैं श्रमिकों की मांगें : भिलाई इस्पात सयंत्र में कार्यरत ठेका श्रमिकों का न्यूनतम वेतन स्थाई कर्मियों के बराबर करने, अनुकम्पा नियुक्ति, सामुहिक बीमा, सयंत्र के खाली आवासों को ठेका श्रमिकों को देने जैसे 13 सूत्रीय मांगों (contract workers demands) को लेकर श्रमिक शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन कर रहे थे.

प्रदर्शन हुआ उग्र : लेकिन शाम होते ही ये सभी उग्र हो गये. सभी इस्पात भवन की ओर कूच करने लगे. भट्ठी थाना पुलिस ने इन्हें रोकने का भी प्रयास किया. लेकिन प्रदर्शनकारी नही माने. जिसके बाद पहले से ही तैनात सीआईएसएफ के दस्ते ने इन्हें बलपूर्वक (CISF stopped the agitators in Bhilai) रोका. इस दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ धक्कामुक्की भी देखने को मिली.

फोर्स के कारण प्रदर्शन पड़ा ठंडा : सीआईएसएफ की चाकचौबंद व्यवस्था के कारण प्रदर्शनकारियों को आखिरकार झुकना (Contract workers clash with police ) पड़ा. और वे सयंत्र जाने वाले मार्ग पर नारेबाजी करते रहे. इसके बाद बीएसपी के इंडस्ट्री रिलेशनशिप विभाग (आईआर) के अधिकारियों को अपना ज्ञापन सौंपकर लौट गए.

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श्रमिकों का क्या है कहना : यूनियन के पूर्व अध्यक्ष जमील अहमद का कहना है कि ''सयंत्र के उत्पादन में ठेका श्रमिकों का भी उतना ही योगदान है. जितना स्थायी कर्मचारियों का है. लेकिन स्थायी कर्मचारी जहां एक लाख के वेतन पर हैं वहीं ठेका श्रमिकों को 12 हजार की मजदूरी मिलती है. ऐसे में ठेका श्रमिकों का वेतन बढ़ाने को लेकर संघर्ष किया जा रहा है.''

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