दुर्ग :जनता तो सस्ती ट्रांसपोर्ट सेवा देने के लिए केंद्र सरकार ने अर्बन ट्रांसपोर्ट योजना शुरु की थी. जिसके तहत दुर्ग जिले में 70 सिटी बसें आईं. इसके लिए राज्य सरकार ने निगम से 10 करोड़ रुपए की निधि भी जमा करवाई थी. लेकिन कोरोना काल ने इन बसों के पहिए थाम दिए. जिसका नतीजा ये हुआ कि खड़े-खड़े ये बसें कबाड़ में तब्दील हो गईं. भिलाई से दुर्ग, पाटन,धमधा, अहिवारा और कुम्हारी की जनता के लिए ये बसें वरदान साबित हुईं थीं. कम खर्चे के साथ-साथ इन बसों की टाइमिंग आम जनता के हिसाब से मेल खाती थीं. लेकिन जब से बसें बंद हुई तब से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों पर मानों महंगाई का ग्रहण लग गया.
बसों को फिर से दौड़ाने की तैयारी :अब 2 साल बाद एक बार फिर से सड़कों में इन बसों को दौड़ाने की तैयारी है. दुर्ग जिला अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी ने सिटी बस के संचालन को लेकर वर्तमान स्थिति में बढ़ी डीजल की दरें और श्रमिकों की मांग के अनुसार बढ़े वेतन की संशोधित सूची अर्बन एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (UAD) को भेजी (Proposal sent to Urban Administration Department) है.
नगरीय प्रशासन विभाग लेगा फैसला : बताया जा रहा है कि जल्द ही अर्बन एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट इस संबंध में निर्णय ले सकता है. दुर्ग जिला अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी द्वारा भेजी गई सूची के अनुसार 2015 से दिसंबर 2021 के बीच डीजल में 95 फीसदी की वृद्धि दिखाई गई है. वहीं कुशल श्रमिकों के वेतनमान में 79 फीसदी की वृद्धि दिखाई गई है. सिटी बसों के संचालन को लेकर अंतिम निर्णय नगरीय प्रशासन विभाग को लेना है.