धमतरी : जिले का नगर निगम एक तरफ फंड की कमी से जूझ रहा है. अपने कर्मचारियों को दो माह से वेतन नही दे सका है. दूसरी तरफ बीते 7 साल में व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का आवंटन नही कर पाया है. ऐसी सुस्त कार्यशैली के कारण फंड की कमी होना स्वाभाविक भी है. शहर के इतवारी बाजार में 2015 में दो मंजिला कॉम्प्लेक्स बनाया गया था. करोड़ों की लागत लगी. लगभग 41 दुकानें बनाई गई. लेकिन 7 साल बाद भी सभी दुकानें खाली पड़ी हुई है.
निगम को लाखों का नुकसान : अच्छी आमदनी और राजस्व के लिए प्रशासन अपने स्तर पर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बनाकर व्यापारियों को किराया पर आवंटित करती है. जिससे होने वाली आमदनी से निगम का खर्च चल सके. लेकिन धमतरी नगर निगम में व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाकर जनता के पैसों को बर्बाद कर रही है. 7 साल होने के बाद भी कॉम्प्लेक्स का आवंटन नहीं कर पाई (Shops not distributed in corporation complex ) है.
कॉम्प्लेक्स हो रहा जर्जर :कॉम्प्लेक्सकरोड़ों की लागत से बना है. सही रखरखाव नही होने के कारण दुकानें बिना उपयोग किये जर्जर होने लगी हैं.शटर जंग लग कर उखड़ने लगे है. हालात ये है कि. अब किसी को देने से पहले इनकी दोबारा मरम्मत करनी पड़ेगी. फिलहाल पूरा कॉम्प्लेक्सआवारा मवेशियों और आवारा कुत्तों का ठिकाना बन चुका है. हर तरफ गंदगी और कूड़ा करकट दिखाई देता है. जहां पुरानी दुकानों का ही आवंटन नही हुआ है. तो नए कॉप्मलेक्स बनने पर अड़ंगा लगा है. निगम प्रशासन की माने तो नीलामी में कोई हिस्सा ही नही लेता इस कारण दुकानों का आवंटन नही हो पाया (corporation complex revenue loss of Dhamtari ) है.
इस मामले में विपक्ष निगम की कार्यशैली को मुद्दा बना कर निशाना साध रहा है. उनका कहना है कि '' अगर ये 41 दुकानों की नीलामी हो जाये तो निगम को हर माह किराए के तौर पर अच्छी खासी रकम मिल सकती है और फंड की समस्या से राहत मिल सकती है.