धमतरी: अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण में 12 फीसदी की कटौती को लेकर सर्व समाज में भारी नाराजगी दिखाई दी. मंगलवार को इस मुद्दे पर जिलेभर में जोरदार प्रदर्शन कर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आक्रोश (Protest of tribals on issue of reservation) जताया गया. राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ आदिवासियों ने हल्ला बोल दिया है. समाज ने प्रदर्शन कर 32 प्रतिशत आरक्षण में कटौती करने को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. Dhamtari latest news
आरक्षण में कटौती को लेकर धमतरी के सभी ब्लॉकों में प्रदर्शन
Protest of tribals on issue of reservation उच्च न्यायालय द्वारा आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण को घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. आरक्षण में कटौती को लेकर छग सर्व आदिवासी समाज ने धमतरी जिले के चारों विकासखण्डों में धरना प्रदर्शन किया. आदिवासियों ने स्थानीय प्रशासन को राज्यपाल, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. सर्व आदिवासी समाज ने विधानसभा में अध्यादेश लाकर आदिवासियों के आरक्षण को बरकरार रखने की मांग की है.
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धमतरी के सभी ब्लॉक में किया चक्काजाम: धमतरी में सर्व आदिवासी समाज ने बिलाईमाता स्थित गोंड़वाना भवन से रैली निकाली. बड़ी संख्या में आदिवासी रामबाग, सदर बाजार, घड़ी चौक होते हुए अंबेडकर चौक पहुंचकर चक्काजाम किया. अपनी मांगो को लेकर एसडीएम को आदिवासियों ने ज्ञापन सौंपा है. कुरुद में भी पुराना कृषि उपज मंडी से रैली निकालकर सांधा चौक में नेशनल हाईवे पर चक्काजाम किया गया. नगरी में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविन्द नेताम की अगुवाई में रैली निकालकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया. मगरलोड में भी गोंड़वाना भवन से रैैली निकालकर जय स्तंभ चौक में प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया.
आदिवासी समाज ने सरकार को दी सख्त चेतावनी: आदिवासी नेता बीएस रावटे ने बताया कि "कोर्ट के आदेश से आदिवासी समाज को सामजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक रूप से क्षति पहुंचेगा." उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए यह कहा है कि "जिस तरह अनुसूचित जनजाति वर्ग के विकास के लिए तमिलनाडु राज्य ने आरक्षण तय किया है. ठीक उसी तर्ज पर अनुसूचित जनजाति वर्ग को 32 प्रतिशत आरक्षण के लिए अध्यादेश लाकर बिल पास करना चाहिए." आदिवासी समाज ने सरकार को सख्त चेतावनी दी है कि "यदि इस मामले में सही तरीके से सरकार अपना पक्ष नहीं रखती या कोई कदम नहीं उठाती है. तो आदिवासी समाज आने वाले चुनाव में इन्हें सबक सिखाएगी."