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Panicle mite outbreak in Dhamtari: धमतरी में अदृश्य मकड़ी से किसान परेशान - Dhamtari news

Panicle mite outbreak in Dhamtari धमतरी में अद्रश्य मकड़ी से किसान परेशान हैं. इस अद्रश्य मकड़ी ने किसानों की फसल पर अटैक किया है. इस बीमारी से बचने के लिए किसान भटक रहे हैं.

Panicle mite outbreak in Dhamtari
धमतरी में अदृश्य मकड़ी से किसान परेशान

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Published : Oct 13, 2022, 4:08 PM IST

Updated : Oct 13, 2022, 5:38 PM IST

धमतरी:धान की फसल में धमतरी जिले में नई बीमारी का हमला हुआ है. इस बीमारी में मकड़ी जैसे कीड़े धान में लगते हैं.ये कीड़े आंखों से दिखाई नहीं देते. ये इतने खतरनाक है कि धान की बालियों को चूस लेते हैं. ऐसे में धान की बालियां खाली रह जाती हैं. यानी उनके अंदर चावल नहीं बन पाता या फिर धान की बालियां बदरंग हो जाती हैं. दोनों ही स्थिति में ऐसी फसल किसी काम की नहीं रह जाती. Panicle mite outbreak in Dhamtari

धमतरी में अदृश्य मकड़ी से किसान परेशान

बाजार में इस बीमारी की कोई दवा नहीं: किसान घनाराम साहू और लीलाराम साहू ने बताया कि ''एक बड़े इलाके में ये बीमारी फैल चुकी है. किसान इसकी दवाई ढूंढ रहे हैं. लेकिन बाजार में इस बीमारी की कोई दवा नहीं मिल रही है. धमतरी कृषि विभाग ने बताया कि इस नई बीमारी को पेनिकल माइट नाम दिया गया है. इसके कीड़े मकड़ी प्रजाति के होते हैं. कृषि विभाग के पास इस बीमारी की पूरी जानकारी और दवा का नाम भी है. लेकिन कृषि विभाग इस महत्वपूर्ण जानकारी को किसानों तक नहीं पहुंचा सका है.'' सही प्रचार और जागरूकता नहीं होने के कारण पेनिकल माइट के अदृश्य कीड़े फसल चौपट करते जा रहे हैं. Dhamtari news

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क्या है पेनिकल माइट:धमतरी कृषि विभाग के उपसंचालक मोनेश साहू ने बताया कि ''पेनिकल माइट एक घातक कीट है. पेनिकल माइट गभोट (बंटिंग स्टेज) में धान के दानों को पंचर करती है और रस चूसती है. पंचर वाले स्थान पर फफूंद का आक्रमण होने से बालियां बदरंग हो जाती है, जिससे दूध भराव नहीं होता. चावल बनने की प्रकिया पूरी नहीं होती है. पेनिकल माइट के प्रकोप के कुछ लक्षण हैं, जैसे लीफ शीथ का बदरंग भूरा हो जाना, पत्तियों में छोटे भूरे धब्बे बनना. दाने अनियमित आकार ले लेते हैं.'' Dhamtari farmers upset

बचाव के उपाय: उचित प्रबंधन से पेनिकल माइट के प्रकोप को रोका जा सकता है. उर्वरकों का उपयोग (विशेषकर नत्रजन उर्वरकों का) फसल कटाई के बाद फसल अवशेष को मिट्टी में दबा देना चाहिए. फसल चक्र अपनाना विशेषकर दलहनी तिलहनी फसलों के अपनाने से माइट नियंत्रण में प्रभावी है. खेतों की निगरानी करें. लीफ शीथ को खोलकर देखें.

Last Updated : Oct 13, 2022, 5:38 PM IST

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