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गांव जाने के लिए खतरे में डाली जान, 70 साल बाद भी नहीं बना पुल

धमतरी के वनांचल क्षेत्रों में विकास की बयार के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.सिहावा विधानसभा के रिसगांव में आजादी के 70 साल बाद एक पुल का निर्माण नहीं हो पाया (Life put in danger to go to village in Dhamtari) है.

Life put in danger to go to village in Dhamtari
गांव जाने के लिए खतरे में डाली जान

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Published : Jul 2, 2022, 3:20 PM IST

धमतरी : वनाचंल इलाके में इन दिनों जोरों से बारिश हो रही है.बारिश की वजह से नदी नालों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.वहीं लोग जान जोखिम में डालकर पानी के तेज बहाव में नदी पार करने को मजबूर हैं.शुक्रवार को हुई अचानक बारिश से नगरी इलाके के घटुला बोराई मुख्य मार्ग स्थित आधामांझी नाला में बाढ़ आ (Flood in the drains of Sihawa city areas) गई. ग्रामीण सप्ताहिक बाजार बोराई में दैनिक उपयोगी समान लेने गए थे. जब शाम को लौटे तो नाला में 3 फीट ऊपर से तेज पानी का बहाव शुरू हो गया था.ग्रामीण अपने गांव जाने के लिए घंटों तक फंसे रहे और पानी के कम होने का इंतजार करते रहे. लेकिन जब पानी कम नहीं हुआ तो मजबूरी में नदी पार करना पड़ा.

गांव जाने के लिए खतरे में डाली जान, 70 साल बाद भी नहीं बना पुल
क्यों ग्रामीणों ने जोखिम में डाली जान :दरअसल सिहावा विधानसभा और जिले के अंतिम छोर पर बसा बोराई सहित रिसगांव आजादी के सत्तर दशक के बाद भी विकास के लिए बाट जोह रहा है. हर साल बारिश से बोराई मार्ग के सीतानदी और आठदहारा नदी के आलावा बोराई से बुडरा आधीमांझी नाला में हालात पैदा हो जाते हैं. रपटा के ऊपर पुल निर्माण नहीं होने से यहां के ग्रामीणों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इलाके के ग्रामीण लंबे समय से पुल का निर्माण की मांग कर रहे हैं. लेकिन शासन प्रशासन ने उनकी मांगों को अब तक पूरा नही (Life put in danger to go to village in Dhamtari) किया.कब बनेगा एक छोटा पुल : ग्रामीणों का कहना है कि '' बोराई में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में आसपास के गांव के बड़ी संख्या में लोग अपनी दैनिक उपयोगी सामान खरीदने जाते हैं.शुक्रवार को बुडरा गांव के लोग भी दैनिक उपयोगी सामान खरीदने के लिए बोराई पहुंचे थे.अचानक हुई बारिश से आधीमांझी नाला में बाढ़ आ गई और वे फंस (Villagers trapped due to flood in the drain in Sihawa)गए.'' ग्रामीणों ने बताया कि ''हर बार बारिश में इसी तरह के हालात बनते हैं. राशन दुकान सहित नगरी तहसील और ग्राम पंचायत जाने के लिए मजबूरन नदी पार कर जाना पड़ता है.''क्या है जिला प्रशासन का दावा :इधर जिला प्रशासन बाढ़ की हालात पर सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहा है. एडिशनल कलेक्टर ने जिले में बाढ़ से निपटने मुमकिन तैयारी किये जाने की बात भी कही है.बाढ़ प्रभावित गांवों को चिन्हाकित किये जाने सहित उन स्थानों में जोन बनाकर आवश्यक कार्रवाई किये जाने के दावा प्रशासन का है. लेकिन जब बारिश आती है तो प्रशासन की इन्ही दावों का पोल खुलती नजर आती (Poll of development claims in Dhamtari village) है.कितने गांव हैं बाढ़ प्रभावित : गौरतलब है कि जिले में 77 गांव ऐसे है जो बाढ़ से प्रभावित होते हैं. इनमें से अधिकतर गांव एक दूसरे से कट जाते हैं. वहीं इनका जिला मुख्यालय से सम्पर्क टूट जाता है. यहां हर बार ग्रामीण पुल पुलिया निर्माण की मांग करते हैं. लेकिन ये मांग पूरी नही होती और हर बार बाढ़ की यही तस्वीर दिखाई दे जाती है.

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