धमतरी: रावण के पुतले का सिर नहीं जलने के मुद्दे को लेकर सोमवार को विपक्षी भाजपा पार्षदों ने कमिश्नर के चेम्बर में घुसकर बेशरम का फूल भेंट किया. इस विरोध को कर्मचारियों ने दुर्व्यवहार माना है. आयुक्त और इंजीनियर को भाजपा पार्षदों के बेशरम फूल दिखाने पर निगम अधिकारी कर्मचारी आक्रोशित हैं. मंगलवार को सभी कर्मचारियों ने नगर निगम कार्यालय के बाहर आकर अपना विरोध जताते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया. Dhamtari Ravan effigy issue
कर्मचारी संघ ने जताई नाराजगी: कर्मचारी संघ के पदाधिकारी तरुण कुमार गजेंद्र ने कहा कि ''भविष्य में अधिकारी कर्मचारियों के साथ ऐसी घटना ना हो, इस संबंध में महापौर और आयुक्त को अवगत कराएंगे. विरोध प्रदर्शन करना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन जो भाजपा पार्षदों ने किया है, वह अशोभनीय है. इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं.'' Condemnation motion against BJP councilors
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क्या कहते हैं महापौर: इस मामले में धमतरी महापौर विजय देवांगन ने कहा कि ''कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया है. भाजपा के पास किसी भी प्रकार का मुद्दा नहीं है, इस कारण से वह विचलित हो रहे हैं. कांग्रेस सरकार आने के बाद लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. चाहे वह रोड हो या नाली. भाजपा पार्षदों को बेशरम फूल भेंट करने का इतना ही शौक है तो वह नेशनल हाईवे में गड्ढे को लेकर विधायक और सांसद का बेशरम फूल से स्वागत करें.''
भाजपा ने कांग्रेस को घेरा: वहीं भाजपा पार्षद विजय मोटवानी का कहना है कि ''135 साल के इतिहास में पहली बार धमतरी नगर निगम का नाम पूरे देश भर में चर्चा में रहा है. रावण पुतले में भ्रष्टाचार के चलते धमतरी का नाम खराब हुआ और फजीहत हुई है. धमतरी नगर निगम में जो भी विकास हुआ है, वह भाजपा शासनकाल में हुआ है. कांग्रेस की सरकार आने के बाद से वादे अधूरे रहे हैं.''