धमतरी: धमतरी के गंगरेल बांध के गेट के बंद होने का मुद्दा अब तूल पकड़ता (dhamtari gangrel dam) जा रहा है. बीते 6 साल से ये गेट आम पर्यटको के लिये बंद (dhamtari gangrel dam gate closed for six years ) है. यहां आने वाले हजारो पर्यटक निराश होकर लौटते है. राज्य शासन से कोई आदेश नही होने के बावजूद जिले के जलसंसाधन विभाग की ये मनमानी है. आखिर क्या है ये सारा मामला क्यो इस तरह के बेतुके आदेश दिये गए. हमने इसकी पड़ताल की है.
1977 में बन कर तैयार हुआ गंगरेल बांध:1977 में बन कर तैयार हुआ गंगरेल बांध शुरू से ही पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है. खास तौर पर बरसात के मौसम में जब बांध लबालब भरा होता है. इसके गेट खुले होते हैं. भारी भरकम मशीनें, हरे भरे पहाड़ों के बीच दूर तक पानी ही पानी, ये सारा नजारा रोमांचित करने वाला होता है. इसी नजारे को देखने हर छुट्टी के दिन यहां हजारो पर्यटक आते हैं. पर्यटको की इसी भीड़ के कारण यहां सरकारी मोटेल के अलावा निजी होटेल भी बड़ी संख्या में खुल रहे है. एक नया पर्यटन उद्योग खड़ा हो रहा है. लेकिन 6 साल से पर्यटक उस रोमांच का आनंद नहीं ले पा रहे है. जिसके लिये वो दूर दराज से गंगरेल तक आते हैं. लोगो को निराश होकर लौैटना पड़ता है. इस हिस्से में इंट्री बैन होने से यहां मौजूद व्यवसाय भी ठप होने लगा है.
प्रशासन स्तर पर नहीं लगाया कोई प्रतिबंध: जल संसाधन विभाग ने गंगरेल बांध के अंदर लोगो की एंट्री बैन कर रखा है. जबकि एक समय वो भी था. जब पर्यटन बोर्ड यहां लोगो को आकर्षित करने के लिये खुद संसाधन मुहैया करवाता था. जलसंसाधन विभाग के इस अजीबो गरीब आदेश की जब पड़ताल की गई, तो पता चला कि ये एकतरफा मनमानी है. सरकारी दस्तावेज बताते हैं कि राज्य सरकार या प्रशासन स्तर से इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. जिले के ही अधिकारियों ने ये सब किया है.
यह भी पढ़ें:धमतरी में भाजपा ने किया एसपी दफ्तर के सामने हंगामा, NSUI नेता पर FIR की मांग